इलाहाबाद उच्च न्यायालय
प्रयागराज जिले में आयोजित महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर भगदड़ मच गई थी। इस मामले को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी और मांग की गई थी कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।आज यानी सोमवार को हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को औचित्यहीन बताया है।
जनहित याचिका में महाकुंभ में भगदड़ के साथ ही अन्य प्रकार की गड़बड़ियों का भी आरोप लगाया गया था। यह जनहित याचिका सोशल कार्यकर्ता केशर सिंह, योगेंद्र कुमार पांडेय व कमलेश सिंह की ओर से दाखिल की गई थी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित किया। न्यायिक जांच आयोग हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस हर्ष कुमार की अध्यक्षता में गठित है। आयोग में पूर्व आईएएस डी के सिंह और पूर्व आईपीएस वी के गुप्ता शामिल हैं। इस आयोग को पहले एक माह के भीतर जांच करने के लिए कहा गया था। बाद में जांच आयोग की अवधि एक माह और बढ़ा दी गई है। उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई थी और वहीं 36 लोग घायल हुए थे।
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