उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में महाकुंभ पर आयोजित पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर के ‘मंथन’ कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी ने सफलता के सिपाही पर गहरी चर्चा की। उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक से बातचीत के मुख्य अंश…
महाकुंभ हम सबके सामने सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है और हमारी पीढ़ी को इसे देखने का अवसर मिला है। उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी प्रयागराज में दुनिया ने सनातन संस्कृति को अपनी आंखों से देखा है। त्रिवेणी तट पर हुए संगम में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु जुटे और सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं जुटे, बल्कि जब उन्होंने पवित्र संगम में डुबकी लगाई और डुबकी के दौरान उनकी जो आंखें बंदहुई , हमने कई श्रद्धालुओं से उन क्षणों के बारे में पूछा जब उन्होंने अपनी आंखें बंद कीं, तो उन्होंने कहा कि ऐसे क्षणों का वर्णन लिखित रूप में नहीं किया जा सकता, केवल उनका अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। मैं हमारे अधिकारीगण, हमारे कर्मचारीगण, हमारे पुलिस कर्मचारीगण, पुलिस के सिपाहीगण, हमारे सफाई कर्मचारीगण, हमारे स्वास्थ्य विभाग के सभी मेडिकल स्टाफ और इस व्यवस्था से जुड़े हुए सभी लोग, उन सभी का हृदयपूर्वक अभिनंदन करता हूं, उनका हृदयपूर्वक धन्यवाद करता हूं। मैं विशेष रूप से पाञ्चजन्य को बधाई देता हूं, धन्यवाद देता हूं क्योंकि आपने व्यवस्था के दूत के रूप में इस मंच के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का एक पवित्र काम किया है। मैं पांचजन्य के सभी संपादकों को बधाई देता हूं, अभिनंदन करता हूं और मैं अनुभव करता हूं कि अटल जी ने जो विश्व को जगाने का काम किया था और अटल जी ने जो सपने देखे थे मां भारती के गौरव को महत्व देने के लिए, उस अभियान को आप सभी पत्रकार पाञ्चजन्य के माध्यम से पूरा कर रहे हैं। मैं आपको इस कार्यक्रम की सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं और शुभकामनाएं देता हूं और आपको विश्वास दिलाता हूं कि उत्तर प्रदेश सरकार हमेशा पाञ्चजन्य के इस अभियान के साथ और आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी।
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