छत्तीसगढ़

शराब घोटाला: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

दिल्ली की ही तरह छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस राज में एक शराब घोटाला किया गया था। ये घोटाला 2161 करोड़ रुपयों का है। इस मामले में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।

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Kuldeep singh

पिता महादेव बैटिंग ऐप से चर्चा में आए थे और अब बेटा शराब नीति में अनियमितताओं के मामले में फंस गया है। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की। उनके बेटे चैतन्य के खिलाफ आज (सोमवार, 10 मार्च-2025) सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी छापेमारी की। केंद्रीय एजेंसी ने चैतन्य के 15 ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड की।

शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कार्रवाई

चैतन्य बघेल के खिलाफ ईडी की टीम कार्रवाई करने बिल्कुल सुबह पहुंची। उनके खिलाफ शराब नीति में कथित अनियमितताओं, मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ये छापेमारी की जा रही है। एजेंसी ने दस्तावेजों की जांच के साथ-साथ अन्य सबूतों की तलाश की। इस दौरान एजेंसी ने कई सारे डाटा को जब्त भी कर लिया।

2161 करोड़ का है शराब घोटाला

दिल्ली की ही तरह छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस राज में एक शराब घोटाला किया गया था। ये घोटाला 2161 करोड़ रुपयों का है। इस मामले में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। उन पर आरोप था कि उन्होंने मंत्री रहते हुए इस शराब घोटाले में 72 करोड़ रुपए का घूस लिया था। उनके अलावा इस घोटाले के मामले में अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी समेत कई अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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जैसे-जैसे जांच का दायरा आगे बढ़ रहा है, इस घोटाले की परत-दर परत खुल रही है। में जुटीं। इस छापेमारी ने न केवल राजनीतिक गलियारों में चर्चा को जन्म दिया है, बल्कि कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच तनाव को भी बढ़ा दिया है। अब इसकी आंच भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य तक पहुंच गई है।

2019 का है मामला

शराब घोटाले का ये मामले वर्ष 2019 में उस वक्त सामने आ गया था, जब प्रदेश की लाइसेंसी शराब की दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेचे जाने की घटना सामने आई थी। इस गोरखधंधे से राज्य के खजाने को करोड़ों रुपयों का नुकसान पहुंचा था। होलोग्राम बनाने का ठेका नोएडा की एक कंपनी को दिया गया था।

भूपेश बघेल कह रहे ये राजनीति

वहीं इस घोटाले को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल अब तक ईडी की सभी कार्रवाइयों को राजनीति से प्रेरित करार देते रहे हैं। लेकिन अब ये देखना होगा कि वो अपने ही बेटे के खिलाफ हुई कार्रवाई को किस प्रकार से लेते हैं। बहरहाल, इस एक्शन के बाद प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में नए खुलासे होंगे।

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