सीरिया में नए शासनकाल में पिछले कुछ दिनों से हिंसा जारी है। यह हिंसा इतनी भयानक है कि इसके वीडियो जो भी सोशल मीडिया पर आ रहे हैं, उन्हें साझा करने से भी आम इंसान डर जाए। पुरुषों को कुत्तों की तरह घुटनों पर चलाया जा रहा है और महिलाओं की भी हत्याएं हो रही हैं।
यूके आधारित सीरियन अब्ज़र्वटोरी फॉर हयूमन राइट्स के अनुसार अब तक जारी हिंसा में लगभग 1000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। ये सीरियाई सुरक्षा बलों एवं उन लड़ाकों के बीच लड़ाई है, जिन्हें बशर अल असद का वफादार माना जाता है।
जिन लोगों को मारा गया, उनमें महिलाएं भी थीं। स्काई न्यूज़ के अनुसार असद के समर्थक समुदाय अलवाइट के लड़ाकों ने सीरिया के सुरक्षा बलों पर लतकिया प्रांत में हमला किया। उसके बाद सरकार के वफादार सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारियों ने असद के अल्पसंख्यक अल्वाइट समुदाय के लोगों को मारना शुरू कर दिया।
सीरिया के पश्चिमी कोस्ट पर बनियासीन के निवासी ने बताया कि उन्होनें लोगों को जबरन सड़क पर निकाल और फिर उन्हें लाइन से खड़ा किया और गोली मार दी।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए बताया कि महिलाओं को भी मारा गया और उन्हें मारने से पहले सड़क पर नंगा घुमाया गया। ओली लंदन ने भी एक्स पर पोस्ट लिखा कि सीरियाई महिलाओं को हत्या से पहले सड़कों पर नंगा घुमाया गया। बनियासीन के निवासी ने बताया कि यह शहर हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और हर जगह लाशें ही लाशें बिखरी हुई हैं। घरों में, इमारतों के ऊपर, सड़कों पर, मगर कोई भी लाश लेने के लिए तैयार नहीं है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने यह भी दावा किया कि ईसाई लोगों को सीरिया में चुन-चुन कर मारा जा रहा है और मीडिया इस समय एकदम चुप है। Christian Emergency Alliance ने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि जो हालात मीडिया में दिख रहे हैं, हालात उससे कहीं बहुत ज्यादा बुरे हैं। वे अल्पसंख्यकों की सामूहिक और खुलकर हत्याएं कर रहे हैं। गाँव और शहर तबाह किये जा चुके हैं। मगर मीडिया में इन हत्याओं का न आना बहुत हैरानी पैदा करता है।
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