विश्लेषण

ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स का सच: यौन हिंसा को लेकर Kent And Medway VRU के वीडियो पर क्यों भड़का लोगों का गुस्सा?

मुसलमानों द्वारा युवा श्वेत ब्रिटिश लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार की वैश्विक ब्रेकिंग न्यूज के बाद, इस संगठन, केंट एंड मेडवे वीआरयू ने श्वेत लड़कों को यौन उत्पीड़कों के रूप में पेश करके बवाल खड़ा कर दिया है।

Published by
सोनाली मिश्रा

ब्रिटेन में इन दिनों ग्रूमिंग गैंग्स को लेकर लगातार बातें हो रही हैं, लोगों का विद्रोह हो रहा है और लोग कह रहे हैं कि आखिर आरोपी और दोषी कौन हैं। आरोपी लगातार पकड़े भी जा रहे हैं, मगर ब्रिटेन के कथित लिबरल वर्ग में इसे केवल महिलाओं के प्रति हिंसा तक सीमित रखा जा रहा है। यह महिलाओं के प्रति हिंसा नहीं, बल्कि श्वेत लड़कियों के अस्तित्व के प्रति हिंसा है।

जब ग्रूमिंग गैंग्स का मामला अधिक बढ़ा और शोर मचा कि लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं, तो ऐसे में लोगों का गुस्सा कम करने के लिए या कहें डाइवर्ट करने के लिए Kent And Medway VRU ने एक सजगता वीडियो बनाया। जिसमें महिलाओं के साथ हो रही हिंसा को केंद्र में रखा गया।

Kent And Medway VRU का अर्थ है “Kent and Medway Violence Reduction Unit, जो पुलिस, स्थानीय परिषद, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य मुख्य संगठनों के साथ “Kent and Medway क्षेत्र में काम करने वाली मल्टी एजेंसी सहभागिता है, जिसका उद्देश्य हिंसा को कम करना है।

इस इकाई ने सजगता बढ़ाने वाला वीडियो बनाया, जिसका शीर्षक था Don’t Disrespect। मजे की बात यही कि इस वीडियो में श्वेत लड़कों को लड़की छेड़ने वाला दिखाया गया तो वहीं एशियाई लड़के को वह लड़का दिखाया गया, जो उस श्वेत लड़के को रोकने का प्रयास कर रहा है।

इस वीडियो को लेकर यूजर Don Keith ने लिखा कि “मुसलमानों द्वारा युवा श्वेत ब्रिटिश लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार की वैश्विक ब्रेकिंग न्यूज के बाद, इस संगठन, केंट एंड मेडवे वीआरयू ने श्वेत लड़कों को यौन उत्पीड़कों के रूप में पेश करते हुए एक जागरूकता वीडियो जारी करने का निर्णय लिया और उससे भी बढ़कर इसमें एक एशियाई लड़के को सुधारक के रूप में लिया।

इस पोस्ट के उत्तर में लेखक P McLoughlin ने लिखा कि यही सब कुछ My Dangerous Loverboy के साथ हुआ था, जो उन्होनें अपनी पुस्तक ईजी मीट में लिखा था। उन्होंने लिखा कि सरकार ने इस मूवी को फंड किया, मगर बच्चों को कभी नहीं दिखाया क्योंकि इसमें शोषण करने वाले को एक एशियाई पुरुष के रूप में दिखाया गया था।

बाद में फिल्म को दोबारा बनाया गया तो शोषण करने वाले युवा श्वेत युवक थे। ईजी मीट नामक पुस्तक ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स के विषय में परत-दर-परत खुलासा करती है। और जिसके प्रकाशक के अनुसार इस पुस्तक को 2016 में ऐमज़ान से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

इसी पोस्ट पर एल ब्लेकी नामक यूजर ने लिखा कि वे उत्तरी केंट से हैं, और अब वे वहाँ नहीं रहती हैं। उन्होंने लिखा कि वे अपनी आयु के तीसरे दशक में हैं और वे यह गारंटी दे सकती हैं कि जब वे किशोरी थीं तो उन्हें श्वेत लड़कों से डर नहीं लगता था।

इस वीडियो पर एक यूजर ने लिखा कि मुस्लिम युवा श्वेत ब्रिटिश लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार कर रहे हैं, जिससे देश की अंतरात्मा तार-तार हो गई है। और Kent and Medway Violence Reduction Unit ने क्या किया? उन्होंने श्वेत लड़कों को खलनायक दिखाकर एशियाई को रक्षक दिखा दिया।

उन्होंने इसे छल बताया। उन्होंने लिखा कि श्वेत लड़कों और युवकों को इस नैरेटिव के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। असली शिकारियों को पकड़ें। मगर प्रश्न यही है कि क्या असली शिकारियों पर बात होगी?

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