मंदिर बन गया था चर्च और यह फिर से बन रहा भैरव मंदिर
बांसवाड़ा, 8 मार्च 2025 (हि.स.)। सनातन धर्म की महिमा न्यारी है। तीर्थराज प्रयागराज में 144 साल बाद लगे महाकुंभ ने सनातन की ऐसी बयार बहाई है कि पूरे देश में अलग ही माहौल नजर आ रहा है। इतना ही नहीं राजस्थान में एक पूरा का पूरा गांव ईसाई मत त्यागकर घर वापसी करने जा रहा है। गांव के लोग रविवार को सनातन धर्म अपनाएंगे। करीब तीस साल पहले यहां का मंदिर चर्च में बदल गया था। यह भी अब फिर से भैरव बाबा का मंदिर बन रहा है।
महाकुंभ से बही बयार
हिंदुस्थान समाचार की खबर के मुताबिक महाकुंभ से बही सनातन धर्म की बयार का असर राजस्थान के जनजाति जिले बांसवाड़ा में देखने को मिल रहा है। बांसवाड़ा जिले में एक गांव ऐसा है, जहां के लोगों ने सालों पहले मतांतरण कर ईसाई बन गए थे। अब पूरा गांव एक बार फिर से सनातन धर्म में वापस लौट रहा है। घर वापसी कर रहा है। गांव में करीब 30 साल पहले भैरव जी का मंदिर था, जिसे चर्च में बदल दिया गया था। अब 30 साल बाद चर्च को फिर से मंदिर में बदला जा रहा है। सनातन धर्म में घर वापसी और मंदिर के उद्घाटन का कार्यक्रम रविवार को धूमधाम से किया जाएगा।
कभी थे पादरी अब अपना लिया सनातन धर्म
बांसवाड़ा जिले के गांगड़तलाई पंचायत समिति के सोड़ला दूधा गांव का माहौल ही कुछ अलग है। कभी चर्च में पादरी का काम करने वाले गौतम गरासिया ने भी हिंदू धर्म में घर वापसी कर ली है। उन्होंने बताया कि देश और प्रदेश में बह रही सनातन संस्कृति और महाकुंभ से मिले संदेश के बाद इस गांव के लोगों ने जिन्होंने पूर्व में ईसाई मत अपना लिया था, अब फिर से हिंदू धर्म अपना रहे हैं। साथ ही गांव में बने हुए 30 साल पुराने चर्च का रूप बदलकर फिर से यहां मंदिर बना रहे हैं।
ईसाई मिशनरियां थीं सक्रिय
गौतम गरासिया ने बताया कि सालों पूर्व यहां ईसाई मिशनरी से प्रभावित होकर पूरे गांव के लोगों ने ईसाई मत अपना लिया था, लेकिन और अब उनके मन में फिर से सनातन संस्कृति की ओर रुख हुआ और अब फिर से वह हिंदू धर्म अपनाते हुए यहां भैरव जी का मंदिर स्थापित कर रहे हैं। इस जनजाति क्षेत्र में इस तरह का पहला आयोजन है। इससे प्रभावित होकर यह संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी कई गांव में ईसाई मत अपना चुके लोग वापस सनातन की ओर अपने घर की वापसी करेंगे।
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