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यूके में गृह युद्ध के आसार : शरणार्थियों और ग्रूमिंग गैंग का आतंक बनेगा कारण, UK सरकार के सलाहकार ने दी बड़ी चेतावनी

यूके में अवैध शरणार्थियों, पाकिस्तानी प्रवासियों और ग्रूमिंग गैंग के कारण बढ़ते असंतोष पर प्रोफेसर डेविड बेट्ज ने गृह युद्ध की चेतावनी दी। एलन मस्क भी पहले ऐसा कह चुके हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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सोनाली मिश्रा

यूके में लगातार ही अवैध शरणार्थियों और पाकिस्तान मूल के लोगों द्वारा ग्रूमिंग के चलते लोगों में आक्रोश है और कानून व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ती जा रही है। वहाँ के लोगों में सरकार के प्रति भी असंतोष है कि वह कानून व्यवस्था पर लगाम लगाने में विफल है। वहीं अब इसे लेकर यूके की सरकार के सलाहकार रह चुके प्रोफेसर डेविड बेट्ज ने कहा है कि यूके में आने वाले पाँच वर्षों में गृह युद्ध हो सकता है।

प्रोफेसर बेट्ज ने यह टिप्पणी पत्रकार और लेखक लुइस पेरी के साथ पॉडकास्ट के दौरान दी। बेट्ज़ किंग्स कॉलेज लंदन में पढ़ाते हैं और उन्होंने यूके रक्षा मंत्रालय और जीसीएचक्यू के साथ काम किया है या उन्हें सलाह प्रदान कर चुके हैं और साथ ही वे विदेश नीति अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ फेलो भी हैं।

उन्होनें कहा कि जब ब्रिटेन ने राजनीति के चलते ब्रेक्सिट वोट को पलटने की कोशिश की, तो इसकी शुरुआत हुई। मगर उसके बाद जब सरकारों की ओपन बॉर्डर नीति के कारण बच्चों को ग्रूमिंग गैंग से बचाने में विफलता देखी गई और साथ ही जब ग्रूमिंग गैंग की समस्या को पहचानने से ही इनकार कर दिया तो यह समस्या और बढ़ी। मगर राजनीति से भरी न्यायपालिका के अधीन जो दो-परत वाली न्याय व्यवस्था है, वह देश के लोगों को और असंतोष से भर रही है।

बेट्ज ने तर्क दिया कि अब हम एक बहुत ही खंडित देश मे रहते हैं, जहां पर लोगों का संबंध अपने उस इतिहास के साथ नहीं है, जो पहले इसमें संतुष्टि का भाव भरता था और जो उन्हें अनुशासित रखता था, जहां का शासन अच्छा था। मगर कुछ व्यक्तियों और समूहों की नापाक गतिविधियाँ हमारे विभाजन को और बढ़ाने का काम कर रही हैं।

उन्होनें आगे कहा कि जिस समाज में विभिन्न प्रकार के सामाजिक, सांस्कृतिक और जातीय समूह होते हैं, और जहां पर कोई भी एक सामान्य तत्व ऐसा न हो, जो उन्हें परस्पर जोड़ता है, तो ऐसा नहीं है कि इसके कारण ही गृह युद्ध हो। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसी भी समूह के पास इतनी शक्ति नहीं होती है कि वह एक वृहद स्तर पर फैले हुए विद्रोह को कर सके।

बेट्ज ने कहा कि यदि पहले से ही प्रभावी समूह को ऐसा लगता है कि उसके प्रभाव में कमी आ रही है तो ऐसी स्थिति में गृह युद्ध छिड़ सकता है। ऐसी स्थिति में राष्ट्रीयता का भाव उत्पन्न होता है और यही गृह युद्ध का सबसे बड़ा कारण होता है। अब यदि इसमें लंबे समय तक आर्थिक पतन और सरकार द्वारा रोटी न दिए जाने की विफलता को और जोड़ दिया जाए तो यह असंतुष्टि और गहरी हो जाती है।

उन्होनें असंगत मल्टीकल्चरिज्म की अवधारणा पर भी बात की।

इस पॉडकास्ट को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर भी कई प्रतिक्रियाएं आई हैं। यूजर्स लिख रहे हैं कि वास्तव में ऐसा ही हो रहा है। जो शरणार्थी के रूप में आए या जो पाकिस्तानी लोग आए हैं, उनके दिल में ब्रिटेन के लिए कोई अच्छी भावना नहीं है। और ऐसा भी नहीं है कि यह बेट्ज ने ही कहा है, वर्ष 2024 में एलन मस्क ने भी यह कहा था कि यूके में गृह युद्ध अवश्यंभावी है।

इसे लेकर उस समय काफी राजनीतिक बहसें हुई थी और एलन मस्क का विरोध भी हुआ था। मगर मीडिया में आई रिपोर्ट्स को मानें तो जो छिटपुट घटनाएं हो रही हैं, वह इस तरफ संकेत करती हैं कि यूके धीरे-धीरे गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा है।

आप्रवासियों की बढ़ती संख्या और यूके में अलगाववाद पर लगातार अपनी बात रखने वाले निक बक्ले एमबीई ने भी अपने यूट्यूब चैनल का लिंक साझा करते हुए कहा कि उन्होनें भी प्रोफेसर बेट्ज से पिछले सप्ताह बात की थी। ऐसे तमाम यूजर्स सामने आ रहे हैं, जो कह रहे हैं कि जिस प्रकार से सरकार की नीतियाँ हैं, उनके कारण लोगों मे असंतोष बढ़ रहा है।

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