नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से जुड़े 12 ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की। यह कार्रवाई नई दिल्ली में एसडीपीआई मुख्यालय सहित देश के कई प्रमुख शहरों में एक साथ शुरू की गई। केंद्रीय जांच एजेंसी की यह कार्रवाई प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित संबंधों और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में की जा रही है।
देशभर में एक साथ छापेमारी
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी ने यह छापेमारी नई दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के लखनऊ, तमिलनाडु के चेन्नई, झारखंड के पाकुड़, केरल के तिरुवनंतपुरम और मलप्पुरम, कर्नाटक के बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश के नांदयाल, महाराष्ट्र के ठाणे, पश्चिम बंगाल के कोलकाता और राजस्थान के जयपुर में की। नई दिल्ली में दो ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें एसडीपीआई का मुख्यालय भी शामिल है। यह कार्रवाई सुबह से शुरू हुई और दिनभर जारी रही। सूत्रों ने बताया कि इस ऑपरेशन में कई टीमें शामिल हैं, जो दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की तलाश में जुटी हैं।
एम. के. फैजी की गिरफ्तारी के बाद एक्शन
ईडी की यह कार्रवाई एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम. के. फैजी की गिरफ्तारी के बाद तेज हुई है। फैजी को 3 मार्च को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 6 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया। सूत्रों के मुताबिक, फैजी से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर ही यह देशव्यापी छापेमारी शुरू की गई। ईडी का दावा है कि फैजी और एसडीपीआई का पीएफआई के साथ गहरा संबंध है, जिसे सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियों और आतंकी कृत्यों के आरोप में प्रतिबंधित कर दिया था।
पीएफआई से संबंध और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
ईडी का कहना है कि एसडीपीआई, पीएफआई की राजनीतिक शाखा के तौर पर काम कर रही थी और इसके जरिए प्रतिबंधित संगठन अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए था। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पीएफआई ने अवैध तरीकों से जुटाए गए धन को एसडीपीआई के संचालन, चुनावी अभियानों और अन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया। अब तक की जांच में 4.07 करोड़ रुपये की “प्रोसीड्स ऑफ क्राइम” का पता चला है, जिसमें संदिग्ध और अघोषित स्रोतों से आए फंड शामिल हैं। ईडी ने यह भी कहा कि फैजी ने जांच में सहयोग नहीं किया और मार्च 2024 से फरवरी 2025 तक 12 समन के बावजूद पेश नहीं हुए, जिसके बाद उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।
27वीं गिरफ्तारी, जांच का दायरा बढ़ा
फैजी की गिरफ्तारी पीएफआई से संबंधित मामलों में ईडी की 27वीं गिरफ्तारी है। इससे पहले 2022 में भी एसडीपीआई और पीएफआई के कार्यालयों पर समन्वित छापेमारी की गई थी, जिसमें कई लोग गिरफ्तार हुए थे। वर्तमान छापेमारी में ईडी का फोकस क्रॉस-बॉर्डर फंडिंग, हवाला चैनलों और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन की जांच पर है। जांच एजेंसी का मानना है कि पीएफआई ने खाड़ी देशों से धन जुटाया और इसे भारत में गैरकानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया।
आगे क्या..?
यह छापेमारी और फैजी की गिरफ्तारी के बाद जांच का दायरा और व्यापक होने की संभावना है। ईडी अब उन साक्ष्यों की पड़ताल कर रही है जो छापेमारी के दौरान जब्त किए गए हैं। साथ ही, इस मामले की जानकारी जल्द ही चुनाव आयोग को भी दी जा सकती है, ताकि एसडीपीआई की गतिविधियों और फंडिंग की और गहन जांच हो सके। इस बीच, देशभर में इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक और सामाजिक बहस तेज हो गई है।
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