उत्तर प्रदेश

संभल की मस्जिद जुमा, जामी या फिर जामा, कई नाम पर ASI ने जतायी आपत्ति, मुस्लिम पक्ष को लग सकता है झटका

पिछली सुनवाई में न्यायमूर्ति ने याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफ ए नकवी से पूछा था कि मस्जिद का असली नाम क्या है

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WEB DESK

प्रयागराज, मार्च (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट में संभल की कथित जामा मस्जिद मामले की बुधवार को सुनवाई के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने मस्जिद के नाम में जुमा, जामी या जामा शब्द पर आपत्ति जताई।

अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने प्रबंध समिति जामी मस्जिद संभल की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि एएसआई के दस्तावेजों में मस्जिद का नाम जुमा मस्जिद लिखा है। सेक्रेटरी आफ स्टेट एवं मस्जिद के मुतवल्ली के बीच 1927 में हुए करार में भी जुमा मस्जिद का जिक्र है। याचिका जामी मस्जिद के नाम से हाई कोर्ट में दाखिल की गई है।

जज ने वकील से ये पूछा

पिछली सुनवाई में न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफ ए नकवी से पूछा था कि असली नाम क्या है तो उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद है। वह इस मामले में संशोधन अर्जी देंगे, लेकिन कोई संशोधन अर्जी नहीं आई। यह सवाल अभी भी कायम है कि संभल मस्जिद जामा मस्जिद है या जामी मस्जिद या जुमा मस्जिद। यदि गलत नाम से याचिका दायर है और नाम संशोधित नहीं किया गया तो इसी आधार पर याचिका खारिज की जा सकती है। अगली सुनवाई पर यह मुद्दा फिर से उठ सकता है।

महाधिवक्ता ने विवादित मस्जिद ढांचा कहा

फिलहाल महाधिवक्ता ने सम्भल मस्जिद को विवादित मस्जिद ढांचा कहा है, लेकिन कोर्ट ने इस पर अपना कोई आदेश नहीं दिया है। विपक्षी हरिशंकर जैन ने भी ऐसी ही मांग की। उन्होंने कहा मस्जिद नहीं विवादित ढांचा कहा जाय। निचली अदालत में कथित मस्जिद, मंदिर है या मस्जिद यही विवाद चल रहा है।

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