देहरादून । सेना के द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार माणा हिमस्खलन हादसे का बचाव अभियान पूरा कर लिया गया है। इस हादसे में लापता आखिरी श्रमिक का शव भी बरामद कर लिया गया है , इस घटना में कुल 8 श्रमिकों कोली मृत्यु हुई है जोकि सीमा सड़क संगठन के कार्य में लगे हुए थे।
सेना के जन संपर्क अधिकारी लेफ्ट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि ग्लेशियर हादसे में सभी 54 श्रमिकों की बरामदगी हो गई है इनमें से 8 की मृत्यु हो गई है। शेष सभी घायलों को जोशीमठ अस्पताल और अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया गया है।
चमोली जिला प्रशासन और बचाव टीम के द्वारा सूचित किया गया है कि एक लापता श्रमिक सुनील कुमार दुर्घटना से पहले ही घर जा चुका था और उनके परिवार ने पुष्टि भी की है कि वह घर पर सुरक्षित हैं। जिस एक व्यक्ति को और खोजा जा रहा था उसका शव बरामद कर लिया गया है आज के सर्च ऑपरेशन में
कुल 8 हेलीकॉप्टर जिसमें सेना के 05 हेलीकॉप्टर, वायु सेना के 02 हेलीकॉप्टर और 01 सेना द्वारा किराए पर लिए हुए सिविल हेलीकॉप्टर से सभी बचाए गए व्यक्तियों को माणा पोस्ट से जोशीमठ मिलिटरी अस्पताल (MH) पहुचाया गया है और उनका उपचार चल रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, जैसा कि आर्मी कमांडर, सेंट्रल कमांड ने कल बचाव अभियान हेतु अतिरिक्त सहायता भेजने के लिए बताया था एक ड्रोन-आधारित इंटेलिजेंट बौरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम (Drone-Based Intelligent Buried Object Detection System) दिल्ली से मंगाई गई है जिसे MI-17 हेलीकॉप्टर के सहायता से जोशीमठ पहुंचाया जा चुका है। यह उपकरण चल रहे खोज और बचाव अभियानों में सहायता करेगा।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 17 सदस्यीय टीम भी माणा में बचाव अभियानों में मदद के लिए आई थी ,सेना द्वारा बचाव अभियान में निम्नलिखित उपकरणों का भी उपयोग किया जा रहा है:-
• UAV, 5 क्वाडकॉप्टर्स, 3 मिनी RPA ड्रोन।
• तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू टीम के दो सदस्य।
• हिमस्खलन बचाव कुत्ता (रॉबिन)।
उन्होंने बताया कि सेना के इस सर्च ऑपरेशन को खत्म कर दिया गया है।
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