उत्तराखंड

उत्तराखंड : माणा गांव हिमस्खलन में अभी तक 47 मजदूर बचाए गए, शेष की तलाश जारी, रेस्क्यू स्थल पर पहुंचे सीएम धामी

शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में लगे बीआरओ के ठेकेदार की साइट पर रखे कंटेनरों  पर ग्लेशियर टूट कर आ गिरा।

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दिनेश मानसेरा

जोशीमठ। चमोली जिले में बद्रीनाथ के पास माणा गांव में शुक्रवार सुबह हुए हिमस्खलन में दबे मजदूरों में से 47 को बाहर निकाल लिया गया है। चार मजदूरों की मौत की खबर है। शेष की तलाश युद्धस्तर पर की जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन और घटनास्थल का जायजा लेने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और  जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड, लेo जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, जीओसी भी जोशीमठ पहुंचे।

शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में लगे बीआरओ के ठेकेदार की साइट पर रखे कंटेनरों  पर ग्लेशियर टूट कर आ गिरा। उस वक्त कंटेनरों में 54 मजदूर सोए हुए थे। ग्लेशियर की बर्फ में ये मजदूर दब गए। घटना की खबर मिलते ही पास में ही आर्मी और आईटीबीपी कैंप से अधिकारी और जवान मौके पर पहुंचे और उन्होंने बचाव का काम शुरू कर दिया। जिला प्रशासन को खबर मिलने के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ  की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। करीब 200 जवानों के सामूहिक प्रयासों से अभी तक 47 श्रमिकों को निकाल लिया गया है, जिनका आईटीबीपी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। इसमें से तीन को हेलीकॉप्टर से जोशीमठ लाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। कल रात गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जानकारी ली थी। सीएम धामी ने जोशीमठ पहुंच कर घायल श्रमिकों का हालचाल जाना और प्रशासनिक अधिकारियों और सेना के अधिकारियों के साथ वार्ता की।

सेना के ब्रिगेडियर एम एस ढिल्लन ने बताया कि सेना की मेडिकल टीम, एम्बुलेंस, इंजीनियर्स का एक दल भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया है। इसके अलावा कल से 150 जवान और छह अधिकारी बचाव दल का हिस्सा हैं। बचाव का काम रात्रि भर चला है। सेना ने बद्रीनाथ जोशीमठ रास्ता भी खोल लिया है।

बताया गया है ये 54 मजदूर 11 कंटेनरों में सोए हुए थे, जिनमें से 9 को खोलकर उनमें से घायलों को बाहर निकाल लिया गया है, शेष दो कंटेनर बुरी तरह से बर्फ में दबे हुए है, इन्हें निकाला जा रहा है। सभी घायलों को जोशीमठ और अन्य हॉस्पिटल में पहुंचाया गया है। इनमें  छह घायलों की हालत गंभीर है।

क्या कहा सीएम धामी ने

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि माणा गांव में बचाव का काम जारी है। सेना, आईटीबीपी, आपदा प्रबंधन की टीमों के साथ-साथ चिकित्सक बचाव कार्य में लगे हैं। सामूहिक प्रयासों से ही लोगों की जान बच पाई है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री सभी ने इस घटना के बारे में जानकारी ली है।  जो श्रमिक अभी नहीं मिल पाए हैं, उनकी तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। घायलों का बेहतर से बेहतर इलाज किया जा रहा है। हम रेस्क्यू ऑपरेशन की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।

 

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