गत फरवरी को गुवाहाटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गुवाहाटी महानगर द्वारा एक बौद्धिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने इसमें उपस्थित लगभग 1,000 दायित्ववान कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया।
उन्होंने समाज के लिए आवश्यक पांच परिवर्तनों-सामाजिक समरसता, परिवारिक मूल्यबोध, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्य पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने समाज में विभिन्न जातियों, मतों, क्षेत्रों और भाषाओं के बीच मित्रता और एकता को बढ़ावा देने के महत्व पर बल दिया, ताकि एक समरस समाज का निर्माण किया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि अपने परिवार में भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने से समाज को सही दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग मिलेगा। श्री भागवत ने पर्यावरण संरक्षण में समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर भी प्रकाश डाला, जिसमें जल संरक्षण, पॉलीथीन न्यूनता और वृक्षारोपण जैसी क्रियाओं को महत्व दिया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय परिवार को अपनी भाषा, वस्त्र, भोजन, आवास और भ्रमण में स्वदेशी को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम में उत्तर असम प्रांत के संघचालक डॉ. भूपेश शर्मा और गुवाहाटी महानगर के संघचालक गुरु प्रसाद मेधी सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।
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