गाय काटकर हिन्दुओं को आतंकित करेंगे कट्टरपंथी?
बांग्लादेश में अब उत्सव की आड़ में मजहबी उन्माद फैलाने की तैयारी शुरू हुई है। बांग्ला नव वर्ष हर बार की तरह इस बार भी बांग्लादेश में धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन कट्टरपंथियों ने हिन्दू समुदाय को डराने की गरज से यह फैलाना शुरू कर दिया है कि इस दिन 100 गायों को काटा जाएगा। ‘पोइला बोइशाख’ 14 अप्रैल का पड़ेगा। लेकिन इस्लामी कट्टरपंथियों ने शायद अभी से अपने हथियारों को धार देना शुरू कर दिया हैं
गाय काटने की धमकी से जहां हिन्दू समाज आक्रोशित है और सरकार से जवाब की मांग कर रहा है वहीं बांग्लादेश की सरकार इसे हल्के में ले रही है और ऐसी किसी ‘संभावना’ से इंकार कर रही है। हिंदू समुदाय के सामने इसे लेकर गंभीर चिंता फैली है। यह ‘पोइला बोइशाख’ दरअसल वसंत ऋतु के पहले दिन उस मौसम के स्वागत में मनाया जाता है। इस दिन को नई फसल के आने के उत्सव के नाते मनाया जाता है। बांग्लादेश में रहने वाले हिन्दू बहुत उत्साह के साथ इस त्योहार को प्रतिवर्ष मनाते आए हैं। लेकिन इस साल जाने क्यों, पिछली दुर्गापूजा की तरह इस त्योहार के जश्न पर आतंक का साया जैसा डालने की कोशिश कट्टरपंथी कर रहे हैं।
दुर्गापूजा पर भी दी गई थीं धमकियां
उस देश के मजहबी उन्मादी जानते हैं कि यह दिन हिन्दुओं में बहुत पवित्र माना जाता है। इसे ‘इस्लामी’ रूप देने पर तुले ये उन्मादी कहते घूम रहे हैं कि ‘सौ गाय काटकर इस दिन को और पाक बनाएंगे’। यह कोरी धमकी नहीं हो सकती। कारण, दुर्गापूजा पर भी ऐसी धमकियां दी गई थीं कि पांच लाख टका दिए बिना पूजा समिति को पंडाल नहीं लगाने दिया जाएगा, और ऐसा कई जगह हुआ भी। कई स्थानों पर पूजा समितियों ने पूजा आयोजित नहीं की या बहुत मामूली स्तर पर की। पोइला बोइशाख को भी अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। दो महीने से भी कम समय बाद यह मनाया जाने वाला है, इसलिए हिंदुओं में भय व्याप्त है।
उल्लेखनीय है कि राजधानी ढाका में तो इस उत्सव पर बहुत बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही यहां पूजानुष्ठान करने की परंपरा रही है। एक बड़ा कार्यक्रम छायानट संगीत विद्यालय की ओर से भी किया जाता है। बांग्ला संस्कृति को पुष्ट करने में जुटी यह संस्था बहुत सम्मानित है।
मंत्री ने दिया ये जवाब
हिन्दुओं ने आखिरकार हिम्म्त करके बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में संस्कृति सलाहकार मुस्तफा फारुकी से पूछ ही लिया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही गायों को काटने की धमकियों के बारे में क्या कहेंगे? फारुकी ने बड़ी बेपरवाही से जवाब दिया कि सोशल मीडिया पर जाने क्या कुछ कहा—सुना जाता है। किस किस बात का जवाब दें।
कट्टरपंथियों को सरकार की शह
हिन्दू समाज इसलिए भी आशंकित है क्योंकि कट्टर मजहबियों को यूनुस सरकार की शह मिली हुई है। उनकी अराजकता और हिंसा के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसलिए बहुत हद तक ये मजहबी उन्मादी ऐसा कोई कुकर्म जरूर कर देंगे। यूनुस की अंतरिम सरकार ही है जिसने कट्टर इस्लामिक तत्वों यहां तक कि आतंकवादियों को जेल से रिहा करके खुला छोड़ा हुआ है। इसी सरकार के सलाहकार बयान देते आ रहे हैं कि देश में हिंदुओं को हिंसा का शिकार नहीं बनाया गया है। ऐसी शिकायतें सिर्फ चीजों को तूल देकर फैलाई गई हैं।
ढाका यूनिवर्सिटी में गाय काटने की धमकी दी
साल 2001 में 14 अप्रैल के दिन इसी उत्सव के आयोजन के दौरान कट्टर इस्लामी आतंकवादी गुट ‘हरकतुल-जिहाद-अल-इस्लामी’ ने ढाका में अनुष्ठान आयोजन स्थल पर बम विस्फोट करके आतंक फैलाया था। सरकार के कथित करीबी जमाते इस्लामी के उन्मादी तत्वों ने ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध अपने अंदर का जहर सामने लाते हुए एक गाय काटी थी, जिसके मांस की पार्टी की थी। हाल में ढाका विश्वविद्यालय में भी कुछ छात्रों ने कैंटीन में गोमांस की मांग उठाई और गाय काटने की धमकियां दी थीं।
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