अदालत ने संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का दिया आदेश
नई दिल्ली, (हि.स.)। संभल की शाही जामा मस्जिद के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा है कि संभल जामा मस्जिद में जो कुआं है वो सार्वजनिक भूमि है और ये कुआं मस्जिद परिसर के भीतर नहीं है। न केवल कुआं बल्कि मस्जिद भी सार्वजनिक भूमि पर स्थित है।
स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद वाला कुआं उन 19 कुओं का हिस्सा है जिन्हें जिला प्रशासन की ओर से पुनर्जीवित किया जा रहा है। इनका रेनवाटर हार्वेस्टिंग के जरिये पुनर्जीवन होने के बाद सभी समुदायों के लोग इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे सांस्कृतिक रूप से भी संभल पर्यटन को आकर्षित करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को मस्जिद से जुड़े कुएं को लेकर नगरपालिका के नोटिस के अमल पर रोक लगा दी थी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने मस्जिद प्रबंधन कमेटी की याचिका पर उप्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
ये भी पढ़ें – संभल में सनातन तीर्थों का पुनरोद्धार: 44 देव तीर्थ अतिक्रमण मुक्त, बोले DM राजेंद्र पेंसिया
29 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने संभल के ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो जामा मस्जिद विवाद मामले पर तब तक कोई कार्रवाई न करे जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट कोई निर्देश न दे दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम पक्ष सर्वे के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जा सकते हैं। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का पालन करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सील कवर रखने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ये रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर अलग से सुनवाई चल रही है, इस मामले को वहीं रखा जाएगा।
ये भी पढ़ें – अयोध्या, काशी, संभल या हो प्रयागराज, रिकॉर्ड खंगाले तो वक्फ बोर्ड के हर जगह दावे गलत: CM योगी
Leave a Comment