उत्तराखंड

उत्तराखंड में UCC के खिलाफ क्यों है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, पहुंच गया हाई कोर्ट

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रजिया बेग और एम आर शमशाद ने याचिका दायर करते हुए कोर्ट में यूसीसी से शरीयत कानून के हनन का तर्क देते हुए याचिका दायर की है।

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दिनेश मानसेरा

उत्तराखंड में यूसीसी प्रभावी रूप से लागू हो गया है। लेकिन, कुछ मुस्लिम संगठन राज्य में कानून की जगह शरीयत चाहते हैं। इन्हीं संगठनों में से एक है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जिससे यूसीसी के खिलाफ नैनीताल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

हाई कोर्ट में यूसीसी को लेकर कई अन्य मुस्लिम संगठन भी पहुंचे हुए हैं। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रजिया बेग और एम आर शमशाद ने याचिका दायर करते हुए कोर्ट में यूसीसी से शरीयत कानून के हनन का तर्क देते हुए याचिका दायर की है।

कोर्ट ने लव इन रिलेशन मामले में भी सरकार से एक मार्च को जवाब दाखिल करने को आदेशित किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने यूसीसी से संबंधित सभी मामलों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की याचिका को भी सम्मिलित कर लिया है। इस पूर्व जमीयत उलेमा ए हिंद ने भी याचिका दायर की हुई है।

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लिव इन रिलेशन पर हुई बहस में सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित हुए, उन्होंने यूसीसी मामलों में सरकार की तरफ से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए एक मार्च की तिथि निश्चित कर दी है।

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