ब्रिटेन में पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग को लेकर इन दिनों खासी चर्चा है। चर्चा इसलिए, क्योंकि रोजगार की तलाश में ब्रिटेन आने के बाद पाकिस्तानी मुस्लिमों का ये गैंग वहां पर नाबालिग ब्रिटिश लड़कियों को फंसाते हैं और फिर उनके साथ रेप करते हैं। पीड़ितों को ये अपने साथियों के साथ भी परोसते हैं। मानवता को शर्मशार करने वाले इस अपराध को लेकर ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर सवालों के घेरे में हैं। उम्मीद इस बात की थी कि इन मामलों के सामने आने के बाद ब्रिटिश सरकार इसके प्रति थोड़ी संजीदा होगी, लेकिन ब्रिटेन में अब भी पाकिस्तानी मुस्लिम बेखौफ होकर रेप जैसे अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।
इसी क्रम में ब्रिटेन में एक और पाकिस्तानी नागरिक को ग्रूमिंग जिहाद के मामले में पकड़ा गया है। इसकी पहचान मोहम्मद सूफियान के तौर पर हुई है। रेडियो जेनोआ के अनुसार, मोहम्मद सूफियान 5 दिन पहले इंग्लैंड पहुंचा। वहां पहुंचते ही उसने 12 वर्ष की तीन ब्रिटिश लड़कियों को फंसा लिया, उनके साथ रेप की कोशिश की। शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपी मोहम्मद सूफियान बड़े ही आराम से अपने बिस्तर पर बैठा हुआ है और बेड के नीचे खड़े होकर ब्रिटिश अधिकारी उससे सवाल पूछ रहे हैं।
Mohammed from Pakistan arrived in England five days ago and immediately tried to abuse three 12 year old British girls. What punishment does Mohammed deserve? pic.twitter.com/7mzHIcZsqY
— RadioGenoa (@RadioGenoa) February 21, 2025
इस पर वो पुलिस अधिकारियों को बताता है कि वो मात्र 24 साल का है। सवाल एक बार फिर से कीर स्टार्मर सरकार की नीतियों पर उठने लगे हैं कि आखिर वो किस प्रकार से इस प्रकार के तत्वों को ब्रिटेन में घुसने की इजाजत दे सकते हैं? ये सवाल इसलिए भी कि क्या हाल कि दिनों में जिस प्रकार से पाकिस्तानी मुस्लिमों के ग्रूमिंग गैंग ने लड़कियों को निशाना बनाया है, उससे सरकार ने कोई भी सीख नहीं ली? ये सवाल इसलिए भी पूछा जाना चाहिए, क्योंकि जब भी कोई ब्रिटिश पीड़िता अपनी शिकायत पुलिस से करती है तो उल्टे उस पर सवाल दागे जाते हैं।
अपनी कथित वैश्विक इमेज बनाने के चक्कर में ग्रूमिंग गैंग का विरोध करने वाले लोगों के ही खिलाफ अतीत में एक्शन लिए गए, जिसका असर ये हुआ कि अपराधियों का मनोबल बढ़ता गया। सरकारी अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा है कि यदि इन अपराधियों पर कदम उठाए गए तो पूरे समुदाय के खिलाफ हिंसा फैल सकती है। बीते दिनों गार्डीअन में ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी वेस स्ट्रीइंग का एक बयान प्रकाशित हुआ है। उन्होनें कहा है कि ग्रूमिंग गैंग्स के बारे में जो भड़काऊ बातें कही जा रही हैं, उनसे एक समुदाय के प्रति हिंसा भड़क सकती है। जैसे कि न्यूज़ीलैंड में मस्जिद में हुई थी और जिसमें 50 से अधिक लोग मारे गए थे। एक साक्षात्कार में इलफोर्ड नॉर्थ के सांसद ने चेतावनी दी थी कि “साथ ही, मेरे क्षेत्र में ऐसे लोग भी हैं जो या तो पाकिस्तानी विरासत के हैं या अलग दिखते हैं, जो पहले की तुलना में आज अधिक भयभीत हैं।”
यह बहुत ही हैरान करने वाली बात है कि देश के सांसदों के लिए और उनके लिए जो अभी सत्ता में हैं, के लिए पाकिस्तानी मूल के लोगों के साथ भविष्य में होने वाला भेदभाव अधिक महत्वपूर्ण है, बजाय इसके कि वे लोग अपनी ही बेटियों की परवाह करें। ऐसा करके ये अपनी ही बेटियों के साथ हुए इन कुकृत्यों पर मौन रहकर या कहें उसे नकारकर वे पीड़ा में वृद्धि ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे ऐसी परिपाटी को शुरू कर रहे हैं, जिसमें वहाँ की लड़कियों का भविष्य ही सुरक्षित नहीं है। कीर स्टार्मर की सरकार पहले ही ग्रूमिंग गैंग की जांच की मांग को ठुकरा चुकी है।
ग्रूमिंग गैंग को नकार इस्लामोफोबिया पर कानून बना रही ब्रिटिश सरकार
ब्रिटेन में अपनी ही बेटियों की पीड़ा को दरकिनार करके हाल ही में ब्रिटेन की उप प्रधानमंत्री एंजेला रेनेर एक काउंसिल का गठन इस्लामोफोबिया पर करने का ऐलान किया था। जिससे कि इस शब्द को एक औपचारिक परिभाषा दी जा सके। spectator.co.uk के अनुसार, उप प्रधानमंत्री एंजेला मुस्लिमों के साथ बढ़ते हुए भेदभाव के लिए सरकारी परिभाषा बनाएंगी और इसके साथ यह भी सलाह प्रदान की जाएगी कि कैसे इससे निबटा जाए। इस काउंसिल की अध्यक्षता उबेर-रिमेनर और पूर्व अटॉर्नी-जनरल डोमिनिक ग्रीव करेंगे।
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