केरल

‘विधवाओं को घर पर बैठकर अल्लाह की इबादत करनी चाहिए, न कि बर्फ में खेलना चाहिए’, केरल के मौलवी का विवादित बयान

मौलवी इब्राहिम सकाफी पुजक्कट्टीरी ने 55 वर्षीय नफीसुमा नाम की महिला के होलीडे टूर पर जाने की आलोचना करते हुए कहा, "विधवाओं को अपने घर पर बैठना चाहिए और अल्लाह की इबादत करनी चाहिए न कि बाहर घूमने जाना चाहिए।"

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सुनीता मिश्रा

केरल में सीपीआई(एम) समर्थक एक सुन्नी गुट से जुड़े प्रमुख मौलवी ने मनाली में बर्फ का आनंद ले रही एक विधवा महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवादित बयान दिया है। मौलवी इब्राहिम सकाफी पुजक्कट्टीरी ने 55 वर्षीय नफीसुमा नाम की महिला के होलीडे टूर पर जाने की आलोचना करते हुए कहा, “विधवाओं को अपने घर पर बैठना चाहिए और अल्लाह की इबादत करनी चाहिए न कि बाहर घूमने जाना चाहिए।”

केरल के कोझिकोड़ की रहने वाली नफीसुमा के शौहर की 25 साल पहले मृत्यु हो गई थी। उसकी तीन बेटियां (जिफना, जसिया और जमशीना) हैं। पिछले वर्ष दिसंबर में वह अपनी तीनों विवाहित बेटियों के साथ मनाली में छुट्टियां मनाने गई थी। नफीसुमा ने वहां बर्फ में खेलते, मस्ती करते हुए अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। साथ ही वह वीडियो में हाथों में बर्फ के टुकड़े लेकर अपने दोस्तों को भी इस तरह टूर पर आने के लिए प्रेरित करती नजर आईं। नफीसुमा 11 दिनों के लिए मनाली टूर पर गई थीं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपना वीडियो शेयर कर दोस्तों से कहा था, “भले ही प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा बेचना पड़े, लेकिन उन्हें जीवन का आनंद जरूर लेना चाहिए।”

‘शौहर की मृत्यु के बाद घर में रहकर अल्लाह की इबादत करो’

हालांकि, उसकी यह खुशी मौलवी को बिल्कुल भी रास नहीं आई और उसने महिला के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पिछले सप्ताह एक सामुदायिक कार्यक्रम में कहा, “आपने एक बूढ़ी महिला का वीडियो देखा होगा। उसके शौहर की 25 साल पहले मृत्यु हो गई थी। वह एक कोने में बैठकर अल्लाह की इबादत करने की बजाय, दूसरे राज्य में जाकर बर्फ से खेलती हुई दिखाई दी। वह सबको ऐसा करने के लिए कह रही है। उसका मानना है कि यही ​लाइफ है, लेकिन यही वास्तव में समस्या है।”

मौलवी के बयान से नफीसुमा का परिवार आहत

मौलवी के विवादित बयान पर नफीसुमा की बेटी जिफना ने कहा, “इस बयान से मेरे परिवार को बहुत ठेस पहुंची है। मेरी मां बेहद दुखी हैं और रो रही हैं। वह बाहर नहीं जा पा रही हैं, क्योंकि हर कोई उनसे मौलवी के बयान के बारे में पूछ रहा है। क्या एक महिला जिसने अपने पति को खो दिया है, उसे दुनिया देखने का कोई अधिकार नहीं है।” जिस्ना ने यह भी कहा कि मौलवी ने उनके परिवार की शांति को भंग कर दिया है। एक विधवा को दुनिया देखने से क्यों रोका जाता है? मौलवी के कारण उनकी मां घर से बाहर निकलने पर भी असहज महसूस कर रही है। अगर उनकी मां की आंखों से एक भी आंसू गिरा है, तो मौलवी को किसी भी कीमत पर माफी मांगनी होगी।

मैं इस टूर से बहुत खुश हूं: नफीसुमा

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नफीसुमा इस टूर से बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटियां उन्हें टूर पर ले जाती हैं। उनके शौहर की मृत्यु तक हुई जब उनकी सबसे छोटी बेटी सिर्फ सात महीने की थी। उस समय उनके पास घर तक नहीं था, लेकिन कुछ जमीन थी। उन्होंने कड़ी मेहनत, बचत और लोन की बदौलत एक साधारण घर बनाया, जहां उनके अम्मी-अब्बू साथ में रहते हैं। उन्होंने यह भी बताया, “मैंने परिवार के भरण-पोषण के लिए लोगों के घरों में काम भी किया। यहां तक ​​कि रमजान के दौरान भी मैं काम करती थी। तीन बच्चों की परवरिश और उनकी शादी करना मेरे लिए मुश्किल था, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। जीवन का आनंद लेने के लिए सभी को यात्रा करनी चाहिए।” अभिनेता और वकील सी शुक्कुर ने इब्राहिम सकाफी पुजक्कट्टीरी के विवादित बयान पर राज्य महिला आयोग से कार्रवाई की मांग की है।

 

 

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