दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान यानी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया है एक ऐसा खुलासा जिसने भारत की राजनीति में भूचाल ला दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने जो खुलासा किया है उसके बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या 2024 के लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को चुनाव हराने के लिए अमेरिका में बैठी उस वक्त की सरकार ने कोई साजिश रची थी? क्या विदेश में बैठे कुछ बेहद ताकतवर लोग भारत में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक गठबंधन को सत्ता से दूर रखने के लिए भारत में डॉलर्स की बरसात कर रहे थे? क्या इसका मकसद कांग्रेस और विपक्ष को 2024 के लोकसभा चुनाव में जितवाने के लिए किया जा रहा था?
राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ ऐसे तथ्य सामने उजागर किये हैं, जिससे कांग्रेस की कलई खुल गई है और कांग्रेस पार्टी की नींद उड़ गई है। ट्रंप ने जो खुलासा किया है उससे राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी कटघरे में खड़ी हो गई है। क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में कोई पर्दे के पीछे से बड़ा खेल खेलने का प्रयास किया जा रहा था? उस समय पीएम मोदी ने इसके बारे में कई बार आगाह भी किया था। क्या सोशल मीडिया की मदद से मोदी को चुनाव हराने की साजिश रची जा रही थी? ये सवाल बहुत ही महत्वपूर्ण और गंभीर हैं।
क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेरिका की तत्कालीन जो बाइडेन सरकार भारत में पीएम मोदी और बीजेपी को चुनाव हरवाना चाहती थी? क्या अमेरिका ने भारत में सरकार बदलने की साजिश रची थी? यह दावे और अटकलें बहुत दिनों से लगाई जा रही थी, क्योंकि बेहद संदिग्ध मानी जाने वाली संस्था यूएस एड (USAID) के बारे में जो खुलासा हुआ हैं कि इस संस्थान ने भारत के चुनावों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए मिलियन डॉलर खर्च किया हैं। अब इस विवाद में एक बहुत बड़ा मोड आता जा रहा है। आखिर इस विदेशी संस्थान का भारत में मत प्रतिशत बढ़ाने के पीछे क्या मंशा और नियत था।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने भारतीय चुनाव में अमेरिकी फंडिंग को लेकर पूर्व की जो बाइडेन सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। ट्रंप ने बेहद चौंकाने वाले बयान में कहा है कि शायद बाइडेन सरकार भारत में किसी और की सरकार बनवाना चाहती थी।
ट्रंप ने अमेरिका के फ्लोरिडा प्रान्त के मियामी में एक कार्यक्रम के दौरान एक भाषण यह गंभीर आरोप लगाया है। इससे पहले भी ट्रंप ने भारत को चुनावी फंडिंग देने की पूर्व सरकार के फैसले पर सवाल उठाए थे, लेकिन इस बार सीधे-सीधे शब्दों में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि बाइडेन सरकार भारत में सरकार बदलना चाहती थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ हमलावर हो गई है। बीजेपी का आरोप है कि राहुल ने विदेशों में जाकर भारत के लोकतंत्र को ना सिर्फ कमजोर करने का प्रयास किया है, बल्कि दूसरे लोकतांत्रिक देशों से भारतीय चुनाव में दखल देने की अपील भी की है। साथ ही बीजेपी राहुल गाँधी के पूर्व के कई विदेश दौरे और उनके बयानों को इससे जोड़ रही हैं। भाजपा इसमें कुछ ख़ास एनजीओ जिसको विदेश से पैसे मिलते हैं उनके कार्यकलापों को भी कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी के इन कथनो से जोड़ रही हैं।
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मार्च 2023 में राहुल गांधी लंदन के दौरे पर गए थे इस दौरान उन्होंने भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाए थे राहुल गांधी ने इस बात पर हैरानी जताई थी कि अमेरिका और यूरोप जिसके जो देश हैं वो लोकतंत्र के जो तथा-कथित पहरेदार हैं वह भारत की स्थिति पर कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार चुनावी प्रक्रिया में विदेशी दखल के प्रयास की आशंका जता चुके हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि कुछ विदेशी ताकतें उन्हें सत्ता में आने से रोकने की कोशिश कर रही हैं। मोदी के अनुसार, “देश दुनिया के बड़े-बड़े ताकतवर लोग मोदी को हटाने के लिए एकजुट हो गए हैं। भारत शक्तिशाली हो गया तो कुछ ताकतों का खेल ही बिगड़ जाएगा। आज अगर भारत आत्मनिर्भर बन गया तो कुछ ताकतों की दुकान बंद हो जाएगी। इसलिए वह भारत में कांग्रेस और इंडी गठबंधन की कमजोर सरकार चाहते हैं।”
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने जब से यूएसएड (USAID) के खर्चों में कटौती का फैसला किया है तब से ही भारत में इस पर राजनीति गर्मा गई है। जैसे ही अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफिशिएंसी ने भारतीय चुनाव में दी जाने वाली 21 मिलियन डॉलर यानी लगभग 182 करोड़ की फंडिंग रद्द की उसके बाद से ही बीजेपी के निशिकांत दुबे से लेकर अमित मालवीय तक ने इस फंड के मकसद पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। इस फंड को बीजेपी ने भारत की चुनावी प्रक्रिया में विदेशी हस्तक्षेप बताते हुए पूछा है कि इससे किसे फायदा हुआ। निशिकांत दुबे ने यह तक कह दिया कि यूएसएड (USAID) ने भारत को बांटने के लिए कई संस्थाओं को धन उपलब्ध करवाया।
यूएसएड (USAID) को लेकर जारी विवाद के बीच अमेरिका के विदेश विभाग के पूर्व अधिकारी माइक बेंच के एक दावे ने सनसनी मचा दी है। माइक बेंज ने यूएसएड की फंडिंग के तार भारतीय चुनाव को प्रभावित करने से जोड़कर एक बहुत बड़ा दावा कर दिया है बेंच के दावे के मुताबिक, भारत में में हुए लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने की भी पूरी कोशिश की गई थी। ताकि, प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी बीजेपी सफल ना हो पाए। फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, व्हाट्सप्प और एक्स पूर्व का ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर दवाब बनाया गया था जिससे की मोदी के समर्थन वाले तथ्यों को आगे बढ़ने से रोका जा सके।
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