‘देश में मंदिरों की लड़ाई लड़ रहे वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या करके देश में दंगा फैलाने की थी साजिश, लेकिन पुलिस ने उसे नाकाम कर दिया।’ अपने गुनाह को कबूल करते हुए आरोपी गुलाम ने ये बात पुलिस को बताई है। उसने कहा कि संभल हिंसा इसके लिए सबसे अच्छा मौका था। गुलाम भी संभल हिंसा करने वाले दंगाइयों में शामिल था।
क्या कहा आरोपी ने
आरोपी गुलाम ने पुलिस को बताया कि वो हथियारों की तस्करी करने वाले शारिक साटा नाम के एक व्यक्ति के लिए काम करता था। शारिक साटा इस वक्त दुबई में बैठा है और वहीं से उसने वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की साजिश रची थी। पर इसके साथ ही बड़ा सवाल इस बात का उठ रहा है कि आखिर क्यों वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की साजिश रची गई? पुलिस की पूछताछ में सबसे बड़ा खुलासा इसी बात का हुआ है।
हथियारों की तस्करी बढ़ाने के लिए हत्या औऱ दंगे की थी प्लानिंग
पुलिस के इन्वेस्टिगेशन में ये सामने आया है कि शारिक साटा दुबई में बैठकर हथियारों की तस्करी करता था, लेकिन सरकार के कड़े कदमों के कारण बीते कुछ वक्त से हथियारों का बाजार लगभग ठप पड़ गया था। ऐसे में अपने धंधे को बूस्ट करने के लिए संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या में उसे एक बड़ा अवसर दिखा। उसने गुलाम को इसका निर्देश दिया। इसके बाद गुलाम ने संभल में वकील को मारने की कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं हो सका।
योजना ये थी कि विष्णु शंकर जैन की हत्या हो जाती तो देशभर में दंगे शुरू हो जाते। इससे साटा के हथियारों की बिक्री बढ़ जाती। अपनी इस योजना को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने ‘सांसद संभल’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम कट्टरपंथियों को जोड़ा गया था। सभी को 22 तारीख को इकट्ठा होने को कहा गया था। 23 की रात को भी इसी तरह की बात हुई और 24 तारीख कट्टरपंथियों ने हिंसा की।
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