समरसता को समर्पित जनजातीय संत
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

समरसता को समर्पित जनजातीय संत

प्रयागराज महाकुंभ में देश के जनजातीय समाज के लगभग दस हजार लोगों ने भाग लिया। आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही उन्होंने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से दुनिया को अवगत कराया

by WEB DESK
Feb 21, 2025, 09:20 am IST
in विश्लेषण, उत्तर प्रदेश, धर्म-संस्कृति
महाकुंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते जनजाति कलाकार

महाकुंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते जनजाति कलाकार

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गत फरवरी तक प्रयागराज महाकुंभ में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 6 फरवरी को युवा कुंभ आयोजित हुआ। इसे संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष चौहान ने कहा कि सनातन संस्कृति का प्रतीक यह महाकुंभ वास्तव में आरण्यक संस्कृति के चैतन्य का मूल स्वरूप है। इस स्वरूप को महाकुंभ में अनुभव किया जा रहा है।

महामंडलेश्वर रघुनाथबाप्पा फरशीवाले ने कहा कि जनजातीय समाज सभी दृष्टि से सनातन का ही हिस्सा है और इसे न कोई अलग कर सकता है और न कोई उससे लंबे समय तक दूर जा सकता है। जनजाति मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास ऊईके ने कहा कि कुछ अदृश्य शक्तियां जनजाति समाज को बहला-फुसलाकर भटकाने का प्रयास कर रही हैं, इसे विफल करना होगा। वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने युवाओं से कहा कि वे अपनी प्रतिभा और संघर्षशीलता से क्षमता प्राप्त कर अपने समाज का भला करें।
दूसरे दिन शोभायात्रा निकाली गई। इसमें नागालैंड, मिजोरम से लेकर अंदमान तक और केरल से लेकर हिमाचल प्रदेश तक के लगभग 10,000 जनजाति श्रद्धालु सम्मिलित हुए। इस शोभायात्रा को जूनापीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी ने केसरिया पताका दिखाकर रवाना किया। स्वामी अवधेशानंद जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि जैसे आप सभी जनजाति बंधु अपनी परंपरा, संस्कृति लेकर सहजभाव से महाकुंभ में आए हैं, वैसी ही निर्मलता और सादगीपूर्ण वन जीवन का अनुभव करने हेतु सभी संतों को बार-बार वनांचल में जाना होगा, क्योंकि जनजाति समाज से समरसता के बिना सनातन संस्कृति का यह महाकुंभ पूरा नहीं होगा।

एक दिन जनजाति कार्य मंत्रालय, इंदिसेवा समर्पण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक समागम रा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और हुआ। इसमें जनजाति समाज की 120 नृत्य टोलियों ने अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन किया। 9 फरवरी को जनजाति समाज के लिए निरपेक्ष भाव से कार्य करने वाले विभिन्न महानुभावों को सम्मानित किया गया।

10 फरवरी को संत समागम के साथ जनजाति समागम का समापन हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि सनातन परंपरा को बचाए रखने में हमारे वनवासी समाज का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस ज्ञान-संस्कार परंपरा के संवर्धन के लिए जनजाति क्षेत्र के संतों को अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर जनजाति समाज के 77 संतों-महंतों के साथ कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्येंद्र सिंह, श्री गंगाधर जी महाराज और श्री दादू दयाल सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Topics: Rashtriya Swayamsevak Sanghtribal-saints-dedicated-to-harmony - Mahakumbh-2025harmonyसेवा समर्पण संस्थानसरकार्यवाहसांस्कृतिक समागममहाकुंभ 2025महाकुंभ में अनुभवMahakumbh 2025गांधी राष्ट्रीय कला केंद्रस्वामी अवधेशानंद जी महाराजजूनापीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जीपाञ्चजन्य विशेषप्रयागराज महाकुंभPrayagraj MahakumbhTribal Saintsराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघAkhil Bharatiya Vanvasi Kalyan Ashram
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies