अमेरिका से प्रत्यर्पित किए जा रहे भारतीय युवकों ने अब धीरे-धीरे अपने साथ धोखाधड़ी करने वालों के नाम उजागर करना शुरू कर दिया है और पुलिस ने उनके खिलाफ मामले भी दर्ज करना शुरू कर दिया है। इस लिस्ट में भारतीय किसान यूनियन तोतेवाल के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुख गिल व उसके भाई का नाम भी सामने आया है जिस पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। अमेरिका से निर्वासित जसविंदर सिंह की शिकायत पर भारतीय किसान यूनियन तोतेवाल के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुख गिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सुख गिल अपने भाई के साथ मिल कर मोगा में एक इमिग्रेशन ऑफिस भी चलाता है।
अमेरिका से निर्वासित 10वीं पास जसविंदर सिंह ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अमेरिकी वीजा के लिए 45 लाख रुपये का भुगतान किया और उसे वर्क परमिट दिलवाने का वायदा किया गया लेकिन इसके बजाय उन्हें डंकी से भेजा गया और वहां पर वह पकड़ा गया।
मोगा के गांव पंडोरी अराईयां के जसविंदर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने कोट ईसे खां स्थित फतेह इमीग्रेशन सेंटर जाकर अमेरिका जाने की इच्छा जाहिर की थी। भारतीय किसान यूनियन तोतेवाल के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुख गिल व उसका भाई तलविंदर सिंह यह इमीग्रेशन सेंटर चलाते हैं। वहां उसे बताया गया था कि उसे विमान से अमेरिका भेजा जाएगा और इसके लिए उससे 43 लाख रुपये लिए गए थे। उसने दोनों ट्रेवल एजेंटों के घर पर जाकर 30 लाख रुपये दिए थे और 13 लाख रुपये उनके खाते में स्थानांतरित किए थे। उन्होंने वादा किया था कि उसे अमेरिका में वर्क परमिट भी दिलवाया जाएगा।
जसविंदर के अनुसार उसे दिल्ली एयरपोर्ट से चेक रिपब्लिक की राजधानी प्राग के लिए फ्लाइट दिलवाई गई। वहां उसे पता चला कि उसका वीजा तो शेनगेन का है। वहां उसे होटल में ठहराया और एजेंटों के पास काम करने वाला सोनू उससे व्हाट्सएप पर पांच दिन तक बात करता रहा था। उसके बाद उसे प्राग से स्पेन के लिए विमान में बिठा दिया गया फिर स्पेन में एयपोर्ट पर इनकी टीम का सदस्य आया जिसने उसे छह दिन बाद विमान से सिलवाडोर भेज दिया। वहां डोंकरों के हवाले कर दिया गया। वहां मारपीट की थी और पास 2725 डालर छीन लिए । जसविंदर के अनुसार सुख गिल से डोंकरों की बात हो रही थी। उसने पहले 43 लाख रुपये दे दिए थे और दो लाख रुपये अभी देने बाकी थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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