अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा है कि वो जल्द ही इस मामले में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। ट्रंप ने कहा है कि पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की दोनों ही युद्ध को रोकना चाहते हैं। मैं शांति स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं।
इस मामले पर चर्चा के लिए अमेरिका और रूस अगले कुछ दिनों में सउदी अरब में एक वार्ता करने जा रहे हैं। ट्रंप का इशारा उसी ओर है। उन्होंने कहना है कि वे पुतिन के साथ मिलकर इस युद्ध को खत्म करने को लेकर चर्चा करेंगे।
कुछ दिन पहले भी की थी बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पुतिन और जेलेंस्की से कुछ दिन पहले फोन पर बात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि दोनों ही देश युद्धविराम को लेकर बात करने के लिए तुरंत तैयार हैं। ट्रंप और पुतिन की बातचीत को लेकर अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा था कि अगर यूक्रेन 2014 से पहले की स्थिति में लौटना चाहता है तो ये व्यवहारिक नहीं है। अमेरिका युद्ध के समाधान के तौर पर कीव को नाटो का सदस्य नहीं बनाना चाहता है। अगर इसे ध्यान में रखकर काम करते रहे तो युद्ध लंबा खिंचेगा।
वहीं पुतिन ने ट्रंप से वार्ता के दौरान कहा था कि रूस इस समय 2022 से ज्यादा मजबूत स्थिति में है। यूक्रेन में रूसी सेना आगे बढ़ रही है, बावजूद इसके वह वार्ता और समझौते के लिए तैयार हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने यह भी स्वीकार किया कि यूक्रेन में लड़ाई जटिल है लेकिन रूसी सेना यूक्रेनी सशस्त्र बलों को कुर्स्क क्षेत्र से जरूर बाहर निकाल देगी।
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ट्रंप के कदम से परेशान हैं यूरोपीय देश
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के शांति स्थापित करने के इस कदम से यूरोपीय देश परेशान हो उठे हैं। फ्रांस के विदेश मंत्री जीन नोएल बैरोट ने बुधवार को ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड, इटली, स्पेन, यूक्रेन और यूरोपियन कमीशन के साथ बैठक की। इसके बाद सभी ने एक सुर में कहा था कि वे यूक्रेन के किसी भी भाग्य का हिस्सा बनना चाहते हैं। यूक्रेन को लेकर यूरोपीय देशों की भागीदारी के बिना किया गया कोई भी फैसला स्थायी शांति नहीं ला सकेगा। वहीं जर्मनी ने इस मामले में यूरोपीय यूनियन से एकजुट होने का आह्वान किया था। स्पेन के जोस मैनुअल अल्बेरेस ब्यूनों का कहना था कि हम लोग चाहते हैं कि यूक्रेन में शांति हो,लेकिन अन्यायपूर्ण तरीके से शुरू हुआ ये युद्ध न्यायपूर्ण तरीके से समाप्त होना चाहिए।
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप यूरोपीय देशों को दरकिनार कर डायरेक्ट पुतिन और जेलेंस्की से इस युद्ध को समाप्त करने की पहल कर रहे हैं, जिससे इन देशों को अपने साथ धोखा सा प्रतीत हो रहा है।
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