दिल्ली की सत्ता जाने के बाद अब अरविंद केजरीवाल के विवादित शीश महल की जांच की जाएगी। इसके लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को आदेश दिया है। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने इस बिल्डिंग का निर्माण करवाते वक्त भवन निर्माण के नियमों के विरुद्ध जाकर इसका निर्माण कराया था।
क्या है पूरा मामला
सीवीसी ने आदेश दिए हैं कि कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैगस्टाफ बंगले के रेनोवेशन और आलीशान सुविधाओं पर हुए खर्च कि विस्तृत जांच करे। दरअसल, इसको लेकर भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता ने सतर्कता आयोग में शिकायत की थी। उन्होंने ने ही अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 8 एकड़ (करीब 40,000) वर्ग गज में फैले भव्य शीशमहल के निर्माण के लिए नियमों का उल्लंघन किया है।
भाजपा नेता का आरोप है कि दिल्ली के राजपुर रोड पर प्लॉट नंबर 45 और 57, जो कि कभी अधिकारियों औऱ जजों के आवास हुआ करते थे, उन्हें ध्वस्त करके केजरीवाल ने उसे अपने नए आवास में मिला लिया। ये स्पष्ट तौर पर ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेशियो का उल्लंघन है। इसके अलावा इसमें लेआउट भी सही नहीं है।
पिछले साल 16 अक्तूबर को की गई थी शिकायत
इस मामले में विजेंद्र गुप्ता ने सीवीसी से 16 अक्तूबर 2024 को शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस मामले में केजरीवाल ने बड़े पैमाने पर वित्तीय घोटाले किए हैं। टैक्सपेयर्स के पैसों का इस्तेमाल करके केजरीवाल ने ये शीश महल बनाया है। बाद में सीवीसी ने 13 फरवरी को इस मामले में जांच के आदेश दिए थे।
टिप्पणियाँ