ऑस्ट्रेलिया से एक बहुत ही डराने वाला वीडियो सामने आया है। यह उस पेशे के लिए कलंक है, जिसे मानव जीवन की रक्षा करने वाला बताया जाता है। यह वीडियो इसलिए और भी डराने वाला है क्योंकि यह नर्स को मजहब के आधार पर इलाज करने वाला दिखाता है और मजहबी नफरत के आधार पर मरीजों के साथ भेदभाव ही नहीं, बल्कि उनके कत्ल तक की बात करता है।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बैंक्सटाउन अस्पताल में काम करने वाले एक पुरुष और एक स्त्री नर्स ने एक वीडियो में एक इज़रायली इंफ्लुएंसर से बात करते हुए कहा कि अगर आप इजरायल से हैं तो आपका मरना निश्चित है। यहूदियों से नफरत की पराकाष्ठा में पुरुष कर्मी ने कहा कि “मैं इतना अप्सेट हूँ कि आप इज़रायल से हैं, आपको तो मरना ही होगा।“
FULL UNEDITED VIDEO RELEASED OF AUSTRALIAN NURSES OPENLY CALLING FOR EVERY SINGLE ISRAELI TO DIE!
ONE OF THEM EVEN ADMITS TO MURDERING ISRAELIS IN HIS CARE.
HIT LIKE AND DROP A COMMENT IF YOU AGREE THESE ISLAMISTS SHOULD BE DEPORTED FROM AUSTRALIA. pic.twitter.com/Py3HTe8TQN
— Jews Fight Back 🇺🇸🇮🇱 (@JewsFightBack) February 13, 2025
इस वीडियो में इजरायल का व्यक्ति प्रश्न करता है कि क्या आप डॉक्टर हैं? जबाव देने वाला कहता है कि हाँ। फिर वह पूछता है कि आप कहाँ से हैं। जैसे ही उस पुरुष कर्मी को यह पता चलता है कि उससे प्रश्न करने वाला इजरायल से है तो वह कहता है कि उसकी आँखें बहुत सुंदर हैं। मगर दुर्भाग्य से उसका मरना भी निश्चित है और वह जहन्नुम भी जाएगा। उसके बाद सीन में एंट्री होती है एक महिला स्वास्थ्य कर्मी की। वह कहती है कि फिलिस्तीन में इजरायल ने हमला किया है, हत्याएं की हैं और वह इजरायल के व्यक्ति को बोलने नहीं देती है। एक प्रश्न के उत्तर में वह कहती है कि वह इजरायल के मरीज को मार देगी।
जब प्रश्न करने वाला प्रश्न करता है कि अगर कोई यहूदी व्यक्ति इलाज कराने के लिए अस्पताल आता है तो क्या होगा? तो पुरुष और महिला दोनों ही कर्मी यह कहते हैं कि उसे मार डाला जाएगा और वह जहन्नुम जाएगा। यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो दोनों ही स्वास्थ्यकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। दोनों से ही अब पुलिस पूछताछ कर रही है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने इस वीडियो की कड़ी निंदा की और इसे घृणा का अपराध बताया। प्रधाेनमंत्री एंथनी ऐल्बनीज़ ने इस वीडियो की निंदा की और इसे शर्मनाक बताया। ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ने इस वीडियो की निंदा करते हुए यह वादा किया कि दोनों ही आरोपी अब देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में दोबारा काम नहीं कर पाएंगे। इस वीडियो में जहां इन दोनों ही स्वास्थ्य कर्मियों को यहूदियों के प्रति घृणा फैलाते हुए ही नहीं, बल्कि उनकी हत्या की भी बात करते हुए देखा जा सकता है तो वहीं इस मामले में मुस्लिमों का एकतरफा समर्थन भी सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है।
लेबनीज़ मुस्लिम एसोसिएशन के सेक्रेटरी गमेल खीर ने इन दोनों ही स्वास्थ्यकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच करने की बात की। उन्होंने कहा कि वे इस घटना की निंदा करते हैं, मगर वे व्यक्तियों की निंदा नहीं कर सकते हैं। क्या किसी ने उनके मानसिक स्वास्थ्य की जांच की है? वहीं वीडियो में दिख रहे पुरुष स्वास्थ्य कर्मी का यह कहना है कि वह इजरायल के मरीजों की हत्या कर देगा, एक चुटकुला था। उसने कहा कि वह एक मजाक था। ओलीलंदन नामक हैंडल ने ABC Australia / 7 News के हवाले से एक्स पर लिखा कि मूलत: अफगानिस्तान से संबंध रखने वाले अहमद राशद नादिर का यह कहना है कि जो भी उसने वीडियो में कहा वह सब एक जोक था। जो भी उसने कहा वह एक गलती थी।
सोशल मीडिया पर इतने शोर मचने के बाद भी किसी भी मुस्लिम संगठन ने या फिर ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले मुस्लिम शरणार्थियों ने इस घृणात्मक बयान की निंदा नहीं की है। लोगों का कहना है कि ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। वहीं मुस्लिम महिला नर्स के परिजनों का यह कहना है कि उसे उकसाया गया।
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार अपने आप को उसका चाचा कहने वाले व्यक्ति ने यह दावा किया सारा को अपनी टिप्पणियों के लिए दुख है। उसने उसने घर के बाहर कहा कि मैं सारा को शांत कराने की कोशिश कर रहा हूँ। उस व्यक्ति ने यह भी दावा किया कि सारा ने किसी भी इज़रायली को मारा नहीं है। तो वहीं खुद को सारा का भाई कहने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि सारा ने यह सब कहा जरूर है, मगर उसे उकसाया गया था और यह भी कहा कि वीडियो को एडिट किया गया है।
मगर सोशल मीडिया पर बिना एडिट किया हुआ वीडियो भी वायरल है। उसमें साफ दिख रहा है कि किसी को भी उकसाया नहीं गया था। दरअसल, दूसरों के अस्तित्व से मजहबी श्रेष्ठता के आधार पर घृणा करने वाले लोगों की कलई जब खुलती है और उनकी नफरत दुनिया के सामने आती है तो फिर सफाई देने के लिए नफरती लोग झूठ का सहारा लेते हैं और यह अक्सर देखा गया है।
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