14 फरवरी 2019 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर विस्फोटक से लदे वाहन ने हमला किया था। एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे अपने वाहन को काफिले की एक बस से टकरा दिया, जिसके परिणामस्वरूप सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए। यह हमला पुलवामा जिले के गोरीपोरा में हुआ। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस नृशंस हमले की जिम्मेदारी ली, जिसे अब पुलवामा हमले के रूप में जाना जाता है। इस विनाशकारी हमले ने राष्ट्र की सामूहिक अंतरात्मा को हिला दिया और भारतीयों ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी जवाबी कार्रवाई की मांग की। पुलवामा हमले की छठी वर्षगांठ पर मैं सीआरपीएफ के 40 बलिदान नायकों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके बलिदान ने पिछले छह वर्षों में एक पुनरुत्थानशील जम्मू और कश्मीर बनाया है और भारत पहले से कहीं अधिक मजबूत होकर उभरा है।
पुलवामा हमले के 12 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक द्वारा कड़े शब्दों में जवाबी कार्रवाई की। 25 फरवरी 2019 को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी क्षेत्र के 65 किलोमीटर अंदर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों को निशाना बनाया और लगभग 300 आतंकवादियों को मार गिराया। 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह पहली बार था कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हमारे ज्ञात विरोधी पाकिस्तान के खिलाफ यह अभूतपूर्व कदम उठाया। भारत ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि वो हमारे दुश्मनों को नष्ट करने के लिए किसी भी क्षेत्र में प्रवेश कर सकता है। पुलवामा हमला और बालाकोट हवाई हमला समकालीन भारत के इतिहास में मील के पत्थर हैं। भारत ने एक मजबूत संकल्प का प्रदर्शन किया जिसे पूरे देश का समर्थन मिला।
फरवरी 2019 में अपने सैन्य करियर के दौरान मैं पाकिस्तान के सामने पश्चिमी सीमा पर एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाल रहा था। अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ हमला करने का दुस्साहस करता तो हम उसका मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार थे। भारतीय सशस्त्र बल की इतनी अच्छी तैयारी से डरकर पाकिस्तान ने भारत के साथ टकराव का जोखिम नहीं लिया। कुछ समय बाद, भारतीय सेना ने अच्छी तरह से अपने युद्ध सिद्धांत की समीक्षा की। यह भारतीय सेना के नेतृत्व को श्रेय जाता है कि वे पुलवामा हमले के बाद अधिक चुस्त लड़ाकू संरचनाओं और इकाइयों के साथ जरूरी परिवर्तन लाए। मैं भारतीय सेना की ओर से नई अवधारणाओं को मान्य करने के लिए चुना गया और मेरी भाग्यशाली डिवीजन ने बेहतरीन काम किया। इस तरह यह कहा जा सकता है कि भारतीय सेना पुलवामा हमले के बाद और सशक्त होकर उभरी।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी और एनडीए गठबंधन को और भी बड़ी जीत दिलाई और 31 मई 2019 को मोदी 2.0 सरकार बनाई। जनता के समर्थन से उत्साहित मोदी 2.0 सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया। भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को ‘अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधान’ माना गया था। अनुच्छेद 370 में कहा गया था कि जम्मू और कश्मीर की संविधान सभा को यह तय करने का अधिकार होगा कि भारतीय संविधान का कितना हिस्सा राज्य पर लागू होगा। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ, जम्मू और कश्मीर राज्य वास्तव में भारतीय संघ में एकीकृत हो गया।
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जैसा कि पिछले छह वर्षों की घटनाओं ने दिखाया है, जम्मू-कश्मीर आतंकवाद की छाया से बाहर निकला है। पिछले साल हुए संसद और विधानसभा चुनावों में मतदाताओं ने रिकॉर्ड मतदान किया और चुनाव भारत के किसी भी अन्य राज्य की तरह शांतिपूर्ण थे। जम्मू और कश्मीर में पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या देखी गई है और स्थानीय अर्थव्यवस्था फलफूल रही है। कश्मीर घाटी तक रेल संपर्क पहुंच गया है, जो एक दशक पहले अकल्पनीय था। इस साल 13 जनवरी को सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर को देश में सबसे अधिक संपर्क वाला राज्य बनाने की बात कही है। दरअसल, अब हम नए जम्मू और कश्मीर को देख रहे हैं जो भारत की प्रगति में प्रमुख हिस्सेदार होने जा रहा है।
पुलवामा हमले को जम्मू-कश्मीर और भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ के रूप देखा जाना चाहिए। जहां भारत ने ड्यूटी के दौरान अपने 40 कीमती सैनिकों की जान गंवाई, वहीं भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और पीछे मुड़कर नहीं देखा। इन बहादुरों को सच्ची श्रद्धांजलि एक मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर सुनिश्चित करना होगा। आने वाले समय में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भी भारत का अभिन्न अंग बन जाएगा। जय भारत!
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