भोपाल (हि.स.) । मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल शहर में भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही प्रशासन भीख लेने और देने वालों पर सख्ती बरत रहा है। एमपी नगर थाने में बुधवार को भीख देने व लेने वाले के खिलाफ पहली एफआइआर दर्ज की गई है। यह एफआइआर समाजसेवी मोहन सोनी की शिकायत पर हुई है। उन्होंने भिक्षावृत्ति की वीडियोग्राफी की और इसे अधिकारियों के साथ थाने पहुंचकर बताया। इसके बाद पुलिस ने प्राथमिक तौर पर बीएनएस की धारा 223 के तहत एफआइआर दर्ज की है।
एमपी नगर थाना प्रभारी जय हिंद शर्मा ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि एकता नगर कोहेफिजा निवासी 43 वर्षीय मोहन सिंह सोलंकी एक अशासकीय समाज सेवी संस्था में सचिव हैं। सोलंकी को कलेक्टर के आदेशानुसार भीख देने और लेने पर रोक सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मोहन सोलंकी ने बोर्ड ऑफिस चौराहे पर एक कार के चालक को भिखारी को भीख देते हुए देखा। उन्होंने फौरन इस घटना की रिकॉर्डिंग कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची, लेकिन भीख देने और लेने वाले मौके पर नहीं मिले। इसके बाद मोहन सोलंकी की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
दरअसल, भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने तीन फरवरी को भीख मांगने और देने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे। इसी के बाद प्रशासन ने इस पर सख्ती शुरू की। पहले भी एक भिखारी को पकड़ा गया था, लेकिन वीडियो के अभाव में एफआईआर नहीं हो सकी थी। इधर, बुधवार को प्रशासन की टीम ने बोर्ड ऑफिस ट्रैफिक सिग्नल पर वाहन चालकों को सामान बेचने वालों को पकड़ा। टीम के वीडियो में एक युवक गाड़ियों के शीशे साफ करने वाला पोंछा ट्रक चालक को बेचता हुआ दिखाई दिया। जब टीम ने उसे पकड़ने की कोशिश की, तो भिखारियों ने टीम को घेर लिया। इस दौरान आरोपी युवक मौके से फरार हो गया। बाद में प्रशासन की टीम ने पुलिस से संपर्क किया और एमपी नगर थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई।
शाहजहांनाबाद थाना प्रभारी यूपीएस चौहान ने भी लोगों से कलेक्टर के आदेश का पालन करने की अपील की है। चौहान ने कहा कि इसके बाद भी अगर कोई ऐसा करते दिखा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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