फ्रांस के विदेश मंत्री जीन नोएल बैरोट
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। पुतिन ने ट्रंप को मॉस्को के दौरे पर आने का न्योता भी दिया है। इस बीच यूरोपीय यूनियन के ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी समेत सात देशों और यूरोपीय आयोग ने कहा है कि वे यूक्रेन के किसी भी भाग्य का हिस्सा बनाना होगा।
इन य़ूरोपीय शक्तियों का कहना है कि हमारा साझा उद्देश्य यूक्रेन को एक मजबूत स्थिति में लाने का होना चाहिए। ताकि यूक्रेन को एक मजबूत सुरक्षा गारंटी प्रदान की जा सके। साथ ही वहां एक न्यायसंगत स्थायी शांति ट्रांसअटलांटिक सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। यूरीपीय देशों ने एक सुर में कहा है कि अमेरिकी सहयोंगियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलना चाहती हैं। इस मामले में फ्रांस के विदेश मंत्री जीन नोएल बैरोट ने बुधवार को ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड, इटली, स्पेन, यूक्रेन और यूरोपियन कमीशन के साथ बैठक की।
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इस बैठक में सभी इस नतीजे पर पहुंचे कि यूक्रेन को लेकर यूरोपीय देशों की भागीदारी के बिना किया गया कोई भी फैसला स्थायी शांति नहीं ला सकेगा। वहीं जर्मनी ने इस मामले में यूरोपीय यूनियन से एकजुट होने का आह्वान किया है। स्पेन के जोस मैनुअल अल्बेरेस ब्यूनों का कहना है कि हम लोग चाहते हैं कि यूक्रेन में शांति हो,लेकिन अन्यायपूर्ण तरीके से शुरू हुआ ये युद्ध न्यायपूर्ण तरीके से समाप्त होना चाहिए।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने यूक्रेन और रूस के राष्ट्राध्यक्षों से बात की है और दोनों ही देश युद्धविराम को लेकर तुरंत बातचीत के लिए तैयार हैं। बदलते घटनाक्रम के बीच पुतिन और ट्रंप ने यूरोप महाद्वीप की सुरक्षा के भविष्य के बारे में बात की। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ब्रुसेल्स में नाटो मंत्रियों से मिले। हेगसेथ ने दो टूक कह दिया है कि अगर यूक्रेन 2014 से पहले की स्थिति में लौटना चाहता है तो ये व्यवहारिक नहीं है।
अमेरिका युद्ध के समाधान के तौर पर कीव को नाटो का सदस्य नहीं बनाना चाहता है। अगर इसे ध्यान में रखकर काम करते रहे तो युद्ध लंबा खिंचेगा।
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