उत्तर प्रदेश

विद्युत जामवाल ने परिवार संग महाकुंभ में लगाई आस्था की डुबकी, सनातन धर्म, संस्कृति और पश्चिमी सभ्यता पर कह दी बड़ी बात

महाकुंभ का आज 32वां दिन है। अब तक महाकुंभ में 46 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।

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Kuldeep singh

प्रयागराज में चल रहे दिव्य महाकुंभ ( Mahakumbh) में अब तक 46 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं। इसी क्रम में बॉलीवुड अभिनेता विद्युत जामवाल भी अपने परिवार के साथ महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंचे। संगम स्नान के बाद एक्टर ने कहा कि हम अभिनेता हैं, कई भूमिकाएं निभाते हैं, लेकिन अंत में हम सभी सनातनी हैं। अब वक्त आ गया है कि हम योग संस्कृति को अपनी संस्कृति में वापस लाएं।

एक्टर ने एक संस्कृति श्लोक से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मैं पतंजलि का स्टूडेंट हूं और उसमें कहा जाता है-

योगस्य चित्तवृत्तिनिरोद: तदा दृष्टु: स्वरूपे, अवस्थानाम्।

वृत्ति सारूप्यम् इतरत्र।।

एक्टर ने कहा कि इस श्लोक का मतलब ये है कि अगर आप अपने चित्त यानि कि अपने मन पर काबू कर लेते हैं तो आप धर्म और जाति से ऊपर उठ जाएंगे। मैं यहां महाकुंभ में देख रहा हूं कि यहां ये लोग पूरी तरह से अपने मन को काबू में किए बैठे हैं। इसीलिए इनके साथ बैठकर इनसे बातें करके बहुत अच्छा लगता है। इसके साथ ही विद्युत जामवाल ने भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं की खूबसूरती पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेरी मां का सपना था के मैं महाकुंभ में पवित्र स्नान करूं और मैं यहां आ गया।

महाकुंभ एक दिव्य स्थान है। सभी युवाओं को अपने परिवार, समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए। पश्चिमी संस्कृति की ओर बढ़ना बुरा नहीं है, लेकिन हमें अपनी संस्कृति को भी नहीं भूलना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि वैसे तो प्रत्येक 12 वर्ष में प्रयागराज में महाकुंभ आयोजित होता है, लेकिन इस बार ये 144 वर्षों में पहली बार ये दिव्य महाकुंभ आया है। ऐसे में देश ही नहीं दुनियाभर के कई देशों के श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर रखा है। इसके साथ ही खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

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