महाकुम्भ: माघ पूर्णिमा पर 2 करोड़ ने संगम में लगायी डुबकी, अब तक 46 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आ चुके हैं तीर्थराज प्रयाग
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ: माघ पूर्णिमा पर 2 करोड़ ने संगम में लगायी डुबकी, अब तक 46 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आ चुके हैं तीर्थराज प्रयाग

श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से बरसाए गए 25 क्विंटल फूल, लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी मुख्यमंत्री आवास पर बने वॉर रूम से कर रहे मॉनिटरिंग

by WEB DESK
Feb 12, 2025, 11:51 pm IST
in उत्तर प्रदेश
Prayagraj Mahakumbh

महाकुंभ की तस्वीर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

महाकुम्भ नगर, (हि.स.)। महाकुम्भ में माघ पूर्णिमा का स्नान जारी है। बुधवार को गंगा, यमुना और अंतःसलिला सरस्वती के संगम तट पर देश-दुनिया के हर कोने से आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। प्रयागराज की सड़कें चहुंदिश श्रद्धा पथ में तब्दील हो गईं। देश-दुनिया भर से संतों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों का सागर उमड़ा तो लगभग 6 किमी लंबे संगम तट पर कहीं तिल रखने भर की जगह नहीं बची। हर हर महादेव, जय गंगा मैया के गगनभेदी जयघोष के बीच कोई हाथों में ध्वज लिए संगम की ओर दौड़ता रहा तो कोई दंड-कमंडल, मनका लिए हुए लपकते पांवों से बढ़ता रहा। श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से 25 क्विंटल फूल भी बरसाए गए।

मंगलवार रात से ही भर गये घाट

संगम तट पर माघ पूर्णिमा स्नान के लिए गंगा-यमुना के घाटों पर श्रद्धालुओं का खचाखच जमावड़ा मंगलवार रात से ही शुरू हो गया था। भीड़ प्रबंधन के चलते मेला क्षेत्र में वाहनों की आवाजा रोक दिए जाने की वजह से सड़कें हर तरफ पैदल पथ में तब्दील हो गईं। सिर पर गठरी, कंधे पर झोला हाथों में बच्चों और महिलाएं अपनों का हाथ थामे लोग संगम तट की ओर लंबे डग भरते रहे। फाफामऊ से अरैल के बीच संगम के लंबे दोनों तटों पर बने स्नान घाटों पर दो बजे रात से ही डुबकी लगनी शुरू हो गई। संगम तट की रेती पर बिछे पुआलों पर दूर-दराज से आए लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहले से स्नान की प्रतीक्षा करते-करते सो गए थे।

कल्पवास का समापन

पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ त्रिवेणी की रेत पर शुरू हुआ कल्पवास का माघ पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ समापन हो गया। ब्रह्म मुहूर्त में त्रिवेणी में माघ पूर्णिमा की डुबकी लगाकर कल्पवासी अपने शिविर पहुंचे। कल्पवासियों ने तीर्थ पुरोहितों के सानिध्य में विधि विधान से दान और हवन का अनुष्ठान पूरा किया। तीर्थ पुरोहित अमित आलोक पाण्डेय बताते हैं कि वैसे तो शास्त्र में 84 तरह के दान का उल्लेख है, लेकिन जिसकी जो श्रद्धा होती है उसका दान तीर्थ पुरोहित स्वीकार कर लेते हैं। शैया दान, अन्न दान, वस्त्र दान और धन दान आदि का अनुष्ठान माघ पूर्णिमा को किया जाता है। किसी कारण वश अगर कोई कल्पवासी माघ पूर्णिमा को यह अनुष्ठान पूरा नहीं कर पाता है तो वह अगले दिन त्रिजटा का स्नान कर यहां से विदा हो जाता है। माघ पूर्णिमा में दस लाख से अधिक कल्पवासी महाकुम्भ की आध्यात्मिक ऊर्जा लेकर यहां से प्रस्थान कर गए।

46 करोड़ से ज्यादा कर चुके स्नान

महाकुंभ का आज 31वां दिन है। इससे पहले 4 स्नान पर्व हो चुके हैं। मेला प्रशासन के मुताबिक, बुधवार शाम 6 बजे तक 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। 13 जनवरी से अब तक करीब 46.25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अब 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर आखिरी स्नान पर्व होगा। इससे पहले बसंत पंचमी के दिन करीब 2.57 करोड़ लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई थी। यह स्नान महाकुम्भ के तीसरे अमृत स्नान के रूप में हुआ था। अनुमान है कि बुधवार को 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे।

ट्रैफिक प्लान में बदलाव

प्रयागराज जाने वाले रास्तों में जाम के बाद ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया गया। शहर में वाहनों का प्रवेश बंद है। मेला क्षेत्र में भी कोई भी वाहन नहीं चलेगा। ऐसे में श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए 8 से 10 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। प्रशासन पार्किंग से शटल बसें चला रहा है। महाकुम्भ मेले से भीड़ जल्दी बाहर निकल जाए, इसलिए लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट और डिजिटल महाकुम्भ सेंटर को बंद कर दिया गया है।

सुरक्षा के इंतजाम

संगम पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। वहां लोगों को रुकने नहीं दे रहे हैं, ताकि भीड़ न बढ़ पाए। ज्यादातर लोगों को बाकी घाटों पर स्नान के लिए भेजा जा रहा है। भीड़ कंट्रोल के लिए पहली बार मेले में 15 जिलों के जिलाधिकारी, 20 आईएएस और 85 पीसीएस अफसर तैनात किए गए हैं। इधर, लखनऊ में सीएम योगी सुबह 4 बजे से मुख्यमंत्री आवास पर बने वॉर रूम से महाकुंभ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद और कई सीनियर अफसर भी हैं।

रेलवे ने 190 ट्रेनें चलाई

रेलवे की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, बुधवार 12 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक यात्रियों की सुविधा के लिए 190 ट्रेनें चलाई गईं। कुल 9.46 लाख से अधिक यात्रियों ने सफर किया। इससे पहले 11 फरवरी को 343 गाड़ियां चलाई गईं। 14.69 लाख से अधिक यात्रियों ने यात्रा की। अयोध्याधाम, गोरखपुर, वाराणसी और कानपुर जाने के लिये हर आधे घंटे में मेला स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही हैं। यात्रियों की सुविधा के​ लिये प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग जंक्शन और प्रयागराज के अन्य रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं। रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे कर्मचारी यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का खास ख्याल रख रहे हैं। प्लेटफार्मों पर आकस्मिक चिकित्सा की सुविधा भी उपलब्ध है।

गलती से ली सीख

उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि महाकुंभ 2025 का ये पांचवां स्नान है। महाशिवरात्रि का स्नान होना बाकी है। मौनी अमावस्या के दिन एक गलती हुई थी, उससे सीख लेते हुए हम इस पर काम कर रहे हैं कि और बेहतर प्रबंधन कैसे हो। हमने एक प्रबंधन तकनीक अपनाई, जिसका नतीजा है कि महाकुंभ में अब तक 46 से 47 करोड़ लोग आ चुके हैं। उन्होंने कहाकि, प्रयागराज के अलावा हमारा ध्यान चित्रकूट, काशी विश्वनाथ मंदिर, विंध्याचल मंदिर, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर है। हमने लखनऊ में वॉर रूम बनाया है, हमारे 2500 से ज्यादा कैमरे एक्टिव हैं, हम उन सभी से लाइव फीड ले रहे हैं।

सुरक्षित तरीके से हो रहा स्नान

प्रयागराज के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मंदार ने कहा कि माघी पूर्णिमा का स्नान कल रात से ही सुरक्षित तरीके से हो रहा है। श्रद्धालु लगातार पहुंच रहे हैं। 322 से अधिक सिविल अधिकारी और 9 हजार से अधिक बल तैनात हैं। 60 से अधिक आरएएफ कंपनियां तैनात हैं, ट्रैफिक पुलिस भारी संख्या में तैनात है। अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं, अफवाहों पर ध्यान न दें। मेला स्पेशल ट्रेन और अन्य ट्रेनें सामान्य रूप से चल रही हैं। यह एक ऐतिहासिक अवसर है। मुख्यमंत्री और प्रशासन के निर्देश पर हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं कि लोगों को कोई परेशानी न हो। पिछले कुछ दिनों में जो ट्रैफिक जाम की समस्या थी, उसके लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है।

 

Topics: माघ पूर्णिमामहाकुम्भतीर्थराज प्रयाग
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नेत्रकुंभ में आंख जांच करते चिकित्सक

नेत्रकुंभ में बना कीर्तिमान

महाकुंभ की तस्वीर

संभल के 4 प्राचीन तीर्थ स्थलों के कुंड में मिलाया जाएगा प्रयागराज संगम की त्रिवेणी का जल

महाकुंभ में श्रद्धालुओं पर की गई पुष्पों की वर्षा।

महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक मानव समागम, 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, बने ये रिकॉर्ड

Prayagraj Mahakumbh

महाकुम्भ में महा रिकॉर्ड : 44 दिन और 64 करोड़ श्रद्धालु, योगी राज में सनातन धर्म का महापर्व

महाकुम्भ में गूंजी किलकारियां : संगम तट पर जन्मे कुम्भ, गंगा, भोला, बजरंगी और पूर्णिमा जैसे 13 स्वस्थ शिशु

नागा साधु

नागा साधु महाकुम्भ में सबसे पहले क्यों करते हैं अमृत स्नान, क्या कहती हैं धार्मिक मान्यताएं

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies