महाकुंभ: झूठ पर भारी आस्था
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

महाकुंभ: झूठ पर भारी आस्था

सनातन विरोधियों द्वारा भले ही प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ की गरिमा को ठेस पहुंचाने का कितना ही प्रयास किया गया हो, लेकिन आस्था रूपी सागर पर इसका कोई प्रभाव नहीं दिखाई दिया। करोड़ों लोग महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं

by रमेश शर्मा
Feb 12, 2025, 06:50 pm IST
in विश्लेषण, उत्तर प्रदेश, संस्कृति
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में दुनिया भर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। शोधकर्ता पहुंच रहे हैं। देश और विदेश के मीडिया में महाकुंभ में बारे में लिखा जा रहा है। दुनिया भर में इसकी महिमा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, अध्यात्म और भारतीय संस्कृति का बखान हो रहा है। वहीं सनातन विरोधी शक्तियां इसमें विघ्न डालने के लिए लगातार कुचक्र रच रही हैं। उनके द्वारा महाकुंभ को लेकर सोशल मीडिया पर अनर्गल टिप्पणियां की जा रही हैं, व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं, बावजूद इसके इस बार महाकुंभ की व्यवस्था पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में हुए महाकुंभ आयोजनों से लाखों दर्जा बेहतर है। महाकुंभ को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने की ओछी राजनीतिक साजिशों का लगातार पर्दाफाश हो रहा है। विधर्मियों की तमाम कोशिशों के बाद भी आस्था सब पर भारी पड़ रही है।

रमेश शर्मा
वरिष्ठ पत्रकार

संसार में हर मजहब और पंथ की अपनी परंपराएं हैं। सबके अपने—अपने उपासना स्थल भी हैं। वे सब अपने स्थानों पर जाते भी हैं। यहूदियों के लिए यरुशलम तीर्थ स्थल है जिसे वे हजरत अब्राहम की पवित्र भूमि मानते हैं। उनके लाखों अनुयायी प्रतिवर्ष वहां जाते हैं। ईसाई मेक्सिको में बेसिलिका आफ अवर लेडी आफ ग्वाडालूप , पुर्तगाल में सैंक्चुअरी आफ अवर लेडी आफ फातिमा, फ्रांस में सेंचुअरी आफ अवर लेडी आफ लूर्डेस में उपासना करने जाते हैं। हज यात्रा के लिए भी दुनियाभर से मुसलमान मक्का-मदीना जाते हैं, लेकिन इन्हें लेकर कोई भी नेता कभी टिप्पणी नहीं करता।

भारत में भी अन्य पंथों और मजहब के अपने आयोजन होते हैं, समागम होते हैं, उन पर भी कभी राजनीति नहीं होती। लेकिन भारत में सनातन धर्म का एक भी आयोजन बिना टिप्पणी या विघ्न के संपन्न नहीं हो पाता। सनातन विरोधी कोई न कोई मौका तलाशते रहते हैं। ऐसा आज ही हो रहा हो, ऐसा नहीं है। सनातन धर्म और उसकी परंपराओं पर हमला किए जाने का लंबा इतिहास है। मुसलमान आक्रांताओं ने हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ा। उनका सामूहिक नरसंहार किया। इसके बाद अंग्रेज आए। उन्होंने भी समाज को उसकी परंपराओं से दूर करने के लिए कूटरचित प्रसंगों को उछाला, भ्रम पैदा किया। 1947 में देश को स्वतंत्रता मिली, लेकिन बावजूद इसके सनातन पर हमले नहीं रुके।

इन दिनों जो सनातन विरोधी घटनाएं सामने आ रहीं हैं, उनमें कट्टरपंथी, ईसाई मिशनरियों और वामपंथी शक्तियों का गठजोड़ दिखता है। भारत के कुछ राजनीतिक दल भी उनके स्वर में स्वर मिलाते नजर आते हैं। प्रयागराज महाकुंभ के बारे में जो भ्रामक टिप्पणियां की जा रही है उनमें यह गठजोड़ स्पष्ट झलक रहा है। यह वही गठजोड़ है जो कांवड़ यात्राओं, गणेशोत्सव, दुर्गा उत्सव आदि पर हमला करने वालों के बचाव में खुलकर खड़ा हो जाता है। ऐसी ही कथित सेकुलर लॉबी ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की गरिमा को कम करने का प्रयास किया था। ऐसा ही प्रयास प्रयागराज महाकुंभ को लेकर किया जा रहा है। पहले महाकुंभ में हमले की धमकी दी गई, फिर आयोजन की विश्वनीयता पर प्रश्न उठाए गए।

सोशल मीडिया से भ्रम फैलाने का प्रयास

महाकुंभ में विदेशों से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं। जो पन्द्रह लाख श्रद्धालु एक माह का कल्पवास कर रहे हैं, उनमें बड़ी संख्या में विदेशी भी हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से महाकुंभ में सनातन समाज के दिख रहे समरस स्वरूप पर भी छींटे डालने का कुचक्र और व्यवस्थाओं की कमी को लेकर दुष्प्रचार करने का प्रयास किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर शृद्धालुओं में भय पैदा करने के लिए इंटरनेट मीडिया पर एक स्क्रीन शॉट प्रसारित हुआ। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान धमकी देते हुए लिखा गया था कि ‘‘हम चैलेंज करते हैं कि महाकुंभ नहीं होने देंगे। चाहे कितने भी सिर कलम करने पड़ें।’’ एक्स पर धमकी की शिकायत के बाद बरेली पुलिस सक्रिय हुई।

प्रेमनगर थाना पुलिस ने 30 वर्षीय मेहनाज नामक युवक को गिरफ्तार किया है। इंस्टाग्राम के एकाउंट में दो और नाम सामने आए हैं। एक नसर पठान और दूसरा फैज। पुलिस इनकी भी जांच में जुटी है। इसके बाद दो राजनीतिक व्यक्ति पहले भीम आर्मी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर और दूसरे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ को लेकर अनर्गल बयान दिए। चंद्रशेखर ने कहा ‘‘कुंभ वे जाए जिन्होंने पाप किए हों।’’ स्वाभाविक है कि यह टिप्पणी महाकुंभ की उस गरिमा पर प्रश्न उठाना है जिसका वर्णन भारतीय वाड्मय में है। इसके अनुसार महाकुंभ धार्मिक, आध्यात्मिक, मानसिक और सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि का कारक होता है। लेकिन चन्द्रशेखर ने इसे केवल पाप धोने से जोड़कर महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं पर टिप्पणी की।

समरसता को तोड़ने की साजिश

महाकुंभ में सामाजिक समरसता को तोड़ने के लिए भी साजिश रची गई। महाकुंभ में सब एक ही जगह डुबकी लगाते हैं। कोई किसी से न भाषा पूछता है, न क्षेत्र, न जाति। इस सामाजिक समरसता को विभाजित करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से फिर झूठ फैलाने की कोशिश की गई। सोशल मीडिया पर लिखा गया कि भगवान श्रीराम लंका से लौटकर अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान करने जब प्रयागराज पहुंचे तो वहां ब्राह्मणों ने यह कहकर पिंडदान कराने से मना कर दिया था कि रामजी के हाथों एक ब्राह्मण का वध यानी रावण का वध हुआ है। तब वहां अवध से ब्राह्मण बुलाए गए। यह पोस्ट कतई फर्जी और समाज में विद्वेष फैलाने का षड्यंत्र भर था।

वाल्मीकि रामायण के अनुसार श्रीराम ने चित्रकूट में भरत से पिता के निधन का संवाद सुनकर ही मंदाकिनी में उनका पिंडदान कर दिया था। पूरी वाल्मीकि रामायण में पिंडदान के लिए श्रीराम के प्रयागराज जाने का कोई वर्णन नहीं है। वनवास से लौटने के बाद श्रीराम के राज्याभिषेक में संसार भर के साधु, संत, ऋषि और आचार्य उपस्थित थे। आततायी रावण को ब्राह्मण बताकर द्वेष फैलाने का यह कुचक्र नया नहीं है। समय-समय पर ऐसे षड्यंत्र लगातार होते रहे हैं। यह ठीक उसी प्रकार है जैसे करपात्री जी महाराज के आह्वान पर हुए गोरक्षा आंदोलन के बाद वैदिक काल में गोमांस के सेवन को लेकर विमर्श खड़ा करने का प्रयास किया गया था। एक्स पर 16 जनवरी को एक और स्क्रीन शॉट डाला गया। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई महाकुंभ की व्यवस्था पर व्यंग किया गया था। इसमें कहा गया ‘भारत मूर्खों का देश है। जहां सरकार लोगों के पीने के पानी पर नहीं बल्कि ढोंगी और पाखंडियों के स्नान पर करोड़ों का खर्च करती है।’

मीडिया और सोशल मीडिया पर महाकुंभ को लेकर नए-नए विमर्श गढ़ने के बाद भी महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी तब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने महाकुंभ की व्यवस्था पर प्रश्न उठाकर राजनीति करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ”एसएसपी आफिस से लेकर पांटून पुल तक कोई काम पूरा नहीं हुआ है। जिस पुलिस अधिकारी को कुंभ की सुरक्षा देखनी है उन्हीं का कार्यालय बांस-बल्ली से आगे नहीं बढ़ा और यातायात के लिए 22 में से सिर्फ 9 पांटून पुल ही बन पाए हैं। लगभग 40% काम ही पूरा हो पाया है।

कुंभ स्नान करने वालों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई जा रही है, घाट खाली पड़े हैं, गोरखपुर से आने वाली ट्रेन खाली आई है।” यही नहीं उन्होंने संगम और गंगाजी के जल को भारी प्रदूषित बताया और स्वरूप में छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया। उनकी यह बात तब मिथ्या साबित हुई जब मीडिया ने उन स्थानों का विवरण और चित्र दिखाए, लोगों से बातचीत भी दिखाई जिसमें श्रद्धालु व्यवस्था और पानी की स्वच्छता की भी प्रशंसा करते दिखाई दिए। अखिलेश यादव ने व्यवस्था पर जो भी प्रश्न उठाए, सब भ्रामक पाए गए।

महाकुंभ में व्यवस्थाएं कितनी चौकस हैं, इसका उदाहरण है कि गाीता प्रेस पंडाल के समीप गैस सिलेंडर से लगी आग पर तत्काल नियंत्रण पा लिया गया। घटना के केवल चार मिनट के भीतर ही फॉयर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई। 22 मिनट में आग पर नियंत्रण पा लिया गया। 100 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और किसी प्रकार की जनहानि तो दूर की बात, कोई घायल तक नहीं हुआ। जबकि 2013 में आयोजित महाकुंभ में कितनी अव्यवस्था थी इसके दो उदाहरण ही पर्याप्त हैं। संगम और गंगाजी का जल इतना प्रदूषित था कि कई वदेशी मेहमानों ने स्नान ही नहीं किया था।

10 फरवरी को मौनी अमावस स्नान के बाद रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 36 लोग मारे गए थे। सैकड़ों घायल हो गए थे। तब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।

Topics: प्रयागराज में महाकुंभपाञ्चजन्य विशेषMaha Kumbh in Prayagrajमहाकुंभ में दुनिया भर से श्रद्धालुभारतीय संस्कृति में आस्थामहाकुंभ स्नानdevotees from all over the world in Maha Kumbhfaith in Indian cultureMaha Kumbh bath
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तर-दक्षिण भारत के सांस्कृतिक सेतु

संगीतकार ए. आर रहमान

सुर की चोरी की कमजोरी

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

1822 तक सिर्फ मद्रास प्रेसिडेंसी में ही 1 लाख पाठशालाएं थीं।

मैकाले ने नष्ट की हमारी ज्ञान परंपरा

मार्क कार्नी

जीते मार्क कार्नी, पिटे खालिस्तानी प्यादे

हल्दी घाटी के युद्ध में मात्र 20,000 सैनिकों के साथ महाराणा प्रताप ने अकबर के 85,000 सैनिकों को महज 4 घंटे में ही रण भूमि से खदेड़ दिया। उन्होंने अकबर को तीन युद्धों में पराजित किया

दिल्ली सल्तनत पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

पाकिस्तान अब अपने वजूद के लिए संघर्ष करता दिखाई देगा : योगी आदित्यनाथ

चंडीगढ़ को दहलाने की साजिश नाकाम : टाइम बम और RDX के साथ दो गिरफ्तार

कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया क्यों चुनी सेना की राह?

“ये युद्धकाल है!” : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से नेपाल सीमा तक अलर्ट, CM ने मॉकड्रिल और चौकसी बरतने के दिए निर्देश

Live: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानिये आज का डेवलपमेंट

पाकिस्तान की पंजाब में आतंकी साजिश नाकाम : हथियार, हेरोइन और ड्रग मनी के साथ दो गिरफ्तार

महाराणा प्रताप: हल्दीघाटी की विजयगाथा और भारत के स्वाभिमान का प्रतीक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies