उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के एक किशोर को पहले बहलाकर बाराबंकी ले जाया गया, फिर उसका धर्म परिवर्तन कराया गया, खतना किया गया और नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया गया। यह घटना तब सामने आई जब पीड़ित किशोर अपना बयान दर्ज कराने आजमगढ़ के किशोर न्याय बोर्ड के कार्यालय पहुंचा। इस मामले में बाराबंकी में तीन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
विनय सिंह राजपूत ने बाराबंकी में यह शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह अपने साथी, विश्व हिंदू परिषद के बाराबंकी जिला अध्यक्ष ब्रिजेश कुमार वैश्य के साथ निजी काम से बाराबंकी में थे। जब वे पल्हरी चौराहे के पास खड़े थे, तभी एक लड़का आया और उसने अपना नाम नूर मोहम्मद बताया। उसने कहा कि वह आजमगढ़ के अतरौलिया का रहने वाला है। फिर उसने अपना असली हिंदू नाम बताया और कहा कि वह हरिजन समुदाय से है।
लड़के ने बताया कि मुर्शिद और उसके पिता रियासत अली, जो कबाड़ का काम करते हैं, उसे बहलाकर बाराबंकी ले गए। बाद में उन्होंने उसे अफिफा रेस्टोरेंट में काम करने के लिए रखा था। एक दिन रेस्टोरेंट के मालिक ने उससे उसके परिवार के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि उसका कोई परिवार नहीं है। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसके प्राइवेट पार्ट की त्वचा काटी गई और उसका इलाज किया गया। उसे बताया गया कि अब उसका नाम नूर मोहम्मद होगा और वह इस्लाम अपनाएगा। इसके बाद वे पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुर्शिद, उसके पिता रियासत अली और अफिफा रेस्टोरेंट के मालिक के खिलाफ धर्म परिवर्तन और शारीरिक शोषण के आरोप में मामला दर्ज किया। फिर इस मामले को बाराबंकी पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड आजमगढ़ भेज दिया। शुक्रवार को किशोर अपना बयान दर्ज कराने किशोर न्याय बोर्ड पहुंचा और अपनी पूरी आपबीती बताई।
किशोर न्याय बोर्ड के मजिस्ट्रेट अखिलेश सिंह ने बताया कि यह मामला तब सामने आया, जब पुलिस उस बच्चे को लेकर आई, जो बिना बताये घर से भाग गया था। बच्चे ने बताया कि उसकी दोस्ती मुर्शिद नाम के लड़के से हुई थी, जिसने उसे नौकरी दिलाने के बहाने बहला-फुसलाकर बाराबंकी ले आया। वहां उसे एक होटल में काम पर रखा गया और फिर उसका खतना कराकर उसे इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया। कुछ लोग उस होटल में खाना खाने गए थे, वहीं बच्चे ने अपनी कहानी सुनाई।
इसके बाद बाराबंकी में तीन लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। यह बच्चा डेढ़ महीने तक किशोर सुधार गृह में था, फिर पुलिस ने उसे उसकी मां को सौंप दिया। उसकी काउंसलिंग भी की गई। चूंकि बच्चा अभी डरा हुआ है, इसलिए वह पूरी कहानी नहीं बता पा रहा है, लेकिन संभावना है कि इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह हो सकता है।
बाल समिति के अध्यक्ष रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि बाराबंकी में मामला दर्ज किया गया है, और चूंकि यह जिला मामला है, इसे बाराबंकी से हमारे पास स्थानांतरित किया गया है। इसमें लड़के का धर्म परिवर्तन कराकर उसे इस्लाम कबूल करवाना, खतना कराना और नमाज पढ़वाना आरोपित किया गया है। आज किशोर को अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था।
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