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महाकुंभ : मंदिरों को हिंदू समाज को वापस सौंपें सरकारें, VHP ने ‘मंदिर मुक्ति आंदोलन’ की बनाई बड़ी योजना

विश्व हिंदू परिषद ने मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति का संकल्प लिया। इस संबंध में योजना बनाई गई। जानिये क्या खींचा गया है खाका

by WEB DESK
Feb 9, 2025, 07:19 pm IST
in भारत
महाकुंभ नगर में पत्रकारों को संबोधित करते विहिप के अध्यक्ष आलोक कुमार

महाकुंभ नगर में पत्रकारों को संबोधित करते विहिप के अध्यक्ष आलोक कुमार

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महाकुम्भ नगर, (हि.स.)। अब किसी भी स्थिति में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति दिलाकर ही रहेंगे। इस संकल्प से साथ विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की तीन दिवसीय बैठक रविवार को महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संपन्न हो गयी। बैठक में देश-विदेश के 950 प्रतिनिधियों ने मिलकर भविष्य की कार्ययोजनाओं का खाका खींचा है।

विहिप शिविर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मंदिर मुक्ति आंदोलन के प्रथम चरण में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर मांग करेंगे की सरकारें हिंदू मंदिरों को वापस हिंदू समाज को सौंपे।

बड़ी जनसभाएं कर मांग बुलंद होगी

आलोक कुमार ने बताया कि, उत्तर भारत और दक्षिण भारत में बड़ी जनसभाएं कर इस संबंध में अपनी मांगे बुलंद करेंगे। आंदोलन के दूसरे चरण में प्रत्येक राज्य की राजधानी व महानगरों में वहां के बुद्धजीवी समाज की सभाएं कर इसके लिए व्यापक जन समर्थन जुटाएंगे। जिन राज्यों में यह समस्या ज्यादा विकट है, वहां आगामी विधानसभा सत्र के दौरान हमारे कार्यकर्ता विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों से मिलकर वहां के राजनीतिक दलों पर मंदिरों की मुक्ति हेतु दबाव बनाएंगे।

मंदिरों के संचालन में अधिकतम स्वतंत्रता जरूरी

आलोक कुमार ने बताया कि, बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि मंदिरों को अपने नियमित कामकाज के संचालन हेतु अधिकतम स्वतंत्रता होनी चाहिए। मंदिर प्रबंधन में किसी भी प्रकार का बाहरी नियंत्रण अब स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर मुक्ति आंदोलन में हम केवल उन्हीं मंदिरों की बात कर रहे हैं जो अभी तक सरकारी नियंत्रण में है, अन्य मंदिरों की नहीं।

मंदिरों का पैसा हिंदू कार्यों पर खर्च हो

आलोक कुमार ने कहा कि, मंदिरों के पैसों को केवल हिंदू कार्यों के लिए खर्च किया जाना चाहिए। इस संबंध के कानून में पूरी तरह से पारदर्शी बही खाते और आडिट की व्यवस्था होगी।

मंदिरों के संचालन में हिंदू समाज की सहभागिता

उन्होंने कहा कि, मंदिरों के संचालन में संपूर्ण हिंदू समाज की सहभागिता और मंदिरों के लिए बने ट्रस्ट में अन्य लोगों के साथ महिलाओं व अनुसूचित समाज का प्रतिनिधित्व भी होगा। मंदिरों के पुजारियों, पुरोहितों व अन्य कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन व भत्तों में कोई कमी नहीं की जाएगी और किसी भी हालत में उनका वेतन उस राज्य के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतन से काम नहीं होगा। उन्होंने आगे बताया कि, विहिप प्रतिनिधि जब मुख्य मंत्रियों को मिलने जाएंगे तो वह अपने साथ उस राज्य के लिए इस संबंध में प्रस्तावित कानून का एक प्रारूप भी उनको सौंपेंगे।

पांच परिवर्तनों का संकल्प

आलोक कुमार ने बताया कि, बैठक में पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, स्वदेशी व स्व का बोध जैसे पांच परिवर्तनों को भी जनमानस के आचार व्यवहार और संस्कारों का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया गया। विश्व भर में हिंदू समाज से जुड़े अन्य ज्वलंत मुद्दों पर भी विस्तार से विचार विनिमय हुआ।

बैठक में युग पुरुष पूज्य स्वामी श्रीपरमानंद जी महाराज व बौद्ध लामा पूज्यश्री चोस फेल ज्योतपा जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले तथा पूर्व सर कार्यवाह व विहिप के पालक अधिकारी भैया जी जोशी भी उपस्थित रहे। बैठक में देश के सभी प्रांतों के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, हांगकांग मॉरीशस, दक्षिणी अफ्रीका, फ्रांस, थाईलैंड, श्रीलंका, नेपाल बांग्लादेश, गुयाना जैसे अनेक देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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