आज जब देश की राजधानी में मतदान हो रहा तो इस अवसर पर पीएम मोदी सनातन के सबसे बड़े समागम महाकुंभ 2025 में सम्मलित होने प्रयागराज पहुंचे. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐसा उदाहरण पेश किया, जो हर वीवीआईपी और नेता के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ में पारंपरिक लाव-लश्कर और भारी सुरक्षा बंदोबस्त की जगह स्मार्ट प्रोटोकॉल अपनाया। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि उनकी मौजूदगी के बावजूद आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई।
नहीं बंद हुई आम श्रद्धालुओं के लिए एंट्री
महाकुंभ के दौरान पीएम मोदी के आगमन पर मेला क्षेत्र में कहीं भी आम लोगों के लिए एंट्री बंद नहीं की गई। न ही मुख्य मेला क्षेत्र में ट्रैफिक को बदला गया और न ही किसी भी श्रद्धालु को स्नान से रोका गया। इस सादगी भरे प्रोटोकॉल ने श्रद्धालुओं को सहजता से अपने धार्मिक अनुष्ठान पूरे करने का अवसर दिया।
स्टीमर से त्रिवेणी संगम पहुंचे पीएम मोदी
संगम स्नान और पूजा के लिए पीएम मोदी अरैल घाट से त्रिवेणी संगम तक स्टीमर के माध्यम से पहुंचे। पीएम मोदी के इस जल रूट से संगम क्षेत्र में महाकुंभ स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ पर कोई असर नहीं पड़ा और ना ही सुरक्षा के नाम पर किसी भी श्रद्धालु को किसी भी तरह की असुविधा का सामना करना पड़ा।
केवल दो घंटे में की विधिवत पूजा-अर्चना
प्रधानमंत्री मोदी महाकुंभ में केवल मात्र दो घंटे रुके और इस दौरान उन्होंने बिना किसी अतिरिक्त तामझाम के विधिवत पूजा-अर्चना की। उनके इस कदम से न केवल प्रशासनिक दबाव कम हुआ, बल्कि आम लोगों को भी किसी भी तरह की असुविधा का सामना करना पड़ा।
विपक्ष का बेतुका विमर्श ध्वस्त
जो विपक्ष कई दिनों से पीएम मोदी के आगमन और प्रोटोकॉल को लेकर महाकुंभ श्रद्धालुओं की समस्याओं और VVIP सुविधाओं का बेतुका ढोल पीट रहा था, उसका पूरा विमर्श औंधे मुंह गिर गया। विपक्ष ने भी कभी नहीं सोचा था कि बिना एक शब्द कहे ही पीएम मोदी उन्हें ऐसा जवाब देकर जाएंगे, जो एक नजीर बन जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल सामान्य श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता दी, बल्कि स्मार्ट प्रोटोकॉल अपनाकर यह सिद्ध किया कि बड़े आयोजनों में लाव-लश्कर और भारी सुरक्षा से बचा जा सकता है। उनके इस कदम ने विपक्ष की आलोचना को पूरी तरह निष्प्रभावी बना दिया और यह संदेश दिया कि नेतृत्व दिखावे से नहीं, बल्कि जनता के प्रति संवेदनशीलता से तय होता है।
अन्य नेताओं को भी सीख दे गए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ में सादगी और अनुशासन का जो उदाहरण पेश किया है, वह अन्य वीवीआईपी और नेताओं के लिए सीख लेने का अवसर है। बड़े धार्मिक आयोजनों में लाव-लश्कर और भारी सुरक्षा की जगह सामान्य श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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