इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप कई देशों को इस एजेंसी के माध्यम से जा रही एक बड़ी राशि पर रोक लगा चुके थे। उदाहरण के लिए चार दिन पहले, बांग्लादेश में चल रही परियोजनाओं के लिए पैसा देना बंद करने की सूचना जारी की गई थी। दूसरी बार राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद से ट्रंप प्रशासन में एक भारी फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे। संभवत: इसकी जिम्मेदारी एलन मस्क को सौंपी गई है। यूएसएआईडी को बंद करना शायद उसी फेरबदल में से उपजा है।
दुनिया भर के गरीब अथवा विकासशील देशों में विकास कार्यों को आर्थिक मदद देती आ रही यूएसएआईडी एजेंसी अमेरिकी उद्योगपति और राष्ट्रपति ट्रंप के निकट सहयोगी एलन मस्क के गुस्से का शिकार बनी है। सूत्र बताते हैंस कि मस्क बहुत समय से इसे बंद करने के रास्ते तलाश रहे हैं। इस संदर्भ में उन्हें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन भी मिल चुका है। इस सोमवार यानी कल जब इस एजेंसी के कर्मचारी और अधिकारी काम करने दफ्तर पहुंचे तो उन्हें लौट जाने को कह दिया गया।
इसके पीछे एलन मस्क का आदेश बताया गया है। कल सुबह यूएसएआईडी में काम करने वाले लोग इसे वाशिंगटन के मुख्यालय में पहुंचे तो उन्हें अंदर ही नहीं जाने दिया गया और लौट जाने को कहा गया। लोगों का सामना दफ्तर के प्रवेश द्वार पर प्रवेश को प्रतिबंधित करने के इंतजामों से हुआ।
कुछ डेमोक्रेट्स सांसदों ने यूएसएआईडी के कार्यालय में दाखिल होने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। दरवाजे बंद कर दिए गए। हैरानी की बात है कि डेमोक्रेट सांसदों को यूएसएआईडी की मुख्य प्रवेश द्वार हॉल में भी जाने से रोक दिया गया। ऐसी स्थिति आने के पीछे पूर्व में हुआ एक घटनाक्रम है। तब डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों एलन मस्क और डीओजीई यानी ‘डोज’ नाम के कार्यबल के लोगों पर यह आक्षेप लगाया था कि वे पात्रता न होने के बाद भी सरकार के अंदरूनी कामकाम में दखल देने की कोशिश कर रहे हैं।
कहते हैं, एलन मस्क यूएसएआईडी के कामों को लेकर नाराज थे और ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद इस विषय पर उनकी सलाह ले चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, ट्रंप भी इस एजेंसी को बंद करने के पक्ष में हैं। अब बहुत जल्दी ही सुनाई दे सकता है कि मस्क ने यूएसएआईडी एजेंसी बंद करवा दी है। इसकी कल से हुई शुरुआत इसी ओर संकेत कर रही है, सप्ताह के पहले ही दिन एजेंसी में काम करने वालों के लिए दरवाजे बंद कर देना एक संकेत जैसा माना जा रहा है।
600 से ज्यादा कर्मियों के कम्प्यूटरों को उनकी पहुंच से बाहर किया जाना कोई छोटी बात नहीं है। ऐसे लोग जो दफ्तर के लैपटॉप पर काम कर रहे थे, वे एक ईमेल देखकर हैरान रह गए। उस मेल में सोमवार को एजेंसी के वाशिंगटन वाले मुख्यालय के बंद रहने की सूचना थी। दो दिन पहले यानी शनिवार के दिन, एजेंसी की वेबसाइट में भी अड़चन आई थी, वह इंटरनेट से गायब कर दी गई, वह भी बिना किसी पूर्वसूचना या सफाई दिए।
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप कई देशों को इस एजेंसी के माध्यम से जा रही एक बड़ी राशि पर रोक लगा चुके थे। उदाहरण के लिए चार दिन पहले, बांग्लादेश में चल रही परियोजनाओं के लिए पैसा देना बंद करने की सूचना जारी की गई थी। दूसरी बार राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद से ट्रंप प्रशासन में एक भारी फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे। संभवत: इसकी जिम्मेदारी एलन मस्क को सौंपी गई है। यूएसएआईडी को बंद करना शायद उसी फेरबदल में से उपजा है।
ट्रंप का अगर यूएसएआईडी एजेंसी के संदर्भ में यह अंतिम फैसला है तो इससे एजेंसी के हजारों कर्मियों के बेरोजगार होने का खतरा खड़ा हो गया है। इसके द्वारा चलाई जा रहीं अनेक परियोजनाओं पर पानी फिरने के आसार हैं। परियोजनाएं जिन अमेरिकी अथवा बाहरी देशों की कंपनियां चला रही हैं, उन पर भी इस नई परिस्थिति का सीधा असर पड़ेगा। एजेंसी से जुड़े लोगों को चिंता सताने लगी है कि आगे भविष्य क्या होगा। व्हाइट हाउस से अभी इस बारे में कोई खास जानकारी छनकर नहीं आई है।
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