नई दिल्ली । सनातनी आस्था का सबसे बड़ा महापर्व, इस बार 144 वर्षों के बाद प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है। 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान (29 जनवरी 2025) के दौरान भगदड़ मचने से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए। यह घटना बेहद दुखद थी, और प्रशासन इसकी जांच कर रहा है।
लेकिन इस अप्रिय घटना के बाद एक बेहद खतरनाक ट्रेंड सामने आया, हालांकि ये ट्रेंड पुलवामा हादसे, कन्हैया लाल हत्याकांड, उमेश कोल्हे हत्याकांड सहित कई अप्रिय घटनाओं के दौरान भी देखने को मिला था। जिसे ना तब नजरअंदाज किया जा सकता था ना आज किया जा सकता है। यह ट्रेंड है सोशल मीडिया पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा हादसे का जश्न मनाने का। जहां हादसे के बाद रोते, बिलखते, परेशान होते लोगों के चलचित्र और महाकुंभ भगदड़ से सम्बंधित खबरे कुछ प्रमुख समाचार संस्थान अपने सोशल मीडिया हैंडलों पर चला रहे थे तो मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हादसे का जश्न मनाना शुरू कर दिया था। यह सिर्फ संयोग नहीं है, बल्कि सोची-समझी मानसिकता का नतीजा था।
इस रिपोर्ट में हमने कट्टरपंथियों की नफरत को दर्शा रहीं हुए कुछ सोशल मीडिया पोस्ट का विश्लेषण किया है। हमने महाकुंभ भगदड़ के बाद फेसबुक के 8 बड़े पोस्ट्स पर कट्टरपंथी मुस्लिमों की प्रतिक्रियाओं को देखा गया, जहां खुलेआम हिंदुओं की मौत का जश्न मनाया गया।
कट्टरपंथियों की नफरत : 8 सोशल मीडिया पोस्ट में जश्न
📌 घटना | 🖼️ पोस्ट की गई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर | 💬 कट्टरपंथी प्रतिक्रियाएं | 🖼️ कट्टरपंथी कमेंट्स |
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महाकुंभ भगदड़ पर खुशी जताई गई | NDTV के फेसबुक पेज पर पोस्ट | 46+ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हंसी-मजाक उड़ाया और इसे “ईश्वर का न्याय” बताया | क्लिक करके देखें वीडियो पर कमेंट्स और रिएक्शन |
मौनी अमावस्या के दिन मृतकों का मजाक | Aaj Tak की पोस्ट | 1100+ जिहादी कमेंट्स, “यह तो हिंदुओं के कर्मों का फल है” लिखा | क्लिक करके देखें वीडियो पर कमेंट्स और रिएक्शन |
भगदड़ में मारे गए लोगों पर भद्दे कमेंट्स | News18 की रिपोर्ट | 4+ कट्टरपंथियों ने मौत पर “अल्लाह की मेहरबानी” कहा | क्लिक करके देखें वीडियो पर कमेंट्स और रिएक्शन |
मृतकों का मजाक उड़ाते हुए सेलेब्रेशन | New York Times की रिपोर्ट | 160+ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने “जय हो” लिखकर जश्न मनाया | क्लिक करके देखें वीडियो पर कमेंट्स और रिएक्शन |
महाकुंभ हादसे की तस्वीरों पर उपहास | DW News की पोस्ट | 18+ कट्टरपंथियों ने “अल्लाह का कहर” बताया | क्लिक करके देखें वीडियो पर कमेंट्स और रिएक्शन |
हिंदू श्रद्धालुओं की मौत पर खुशी | Reuters की रिपोर्ट | 14+ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने “ये तो शुरुआत है” लिखा | ![]() |
मुख्यमंत्री योगी के बयान पर मजाक | News24 की पोस्ट | 200+ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने “यह सब होता रहेगा” लिखा | क्लिक करके देखें वीडियो पर कमेंट्स और रिएक्शन |
भगदड़ को “अल्लाह का करिश्मा” कहा गया | BBC News की रिपोर्ट | 400+ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने “जय हो” और “काफिरों का यही हाल होना चाहिए” लिखा | ![]() |
अब इन सब को देखने के बाद सवाल उठता है कि क्या इस्लामी कट्टरपंथी सिर्फ अपनी नफरत को सोशल मीडिया पर दिखाते हैं, या इसके पीछे कोई संगठित साजिश है? क्योंकि यह केवल “ट्रोलिंग” नहीं है, बल्कि एक खास मानसिकता के तहत हिंदू आस्था और उनके पर्वों का अपमान करने की सोची-समझी साजिश है।
भारत में किसी मस्जिद में भगदड़ हो जाए और हिंदू इस पर खुशी मनाएं, तो क्या सेक्युलर मीडिया और सरकार ऐसे लोगों को बख्शेगी..?, जबाव है नहीं, और बख्शा भी नहीं जाना चाहिए, एक स्वस्थ और समृद्ध समाज में ऐसे लोगों की कोई जगह होनी ही नहीं चाहिए।
इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि महाकुंभ पर जश्न मनाने वाले ये कट्टरपंथी क्या भारत विरोधी एजेंडा ना चला रहे हो..?यह एक खतरनाक ट्रेंड है, जिसे रोकना होगा। इन सोशल मीडिया कमेंट्स की जांच कर कट्टरपंथियों को चिन्हित कर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई ही इस खतरनाक ट्रेंड का इलाज है।
आपका क्या कहना है..? इन कट्टरपंथियों पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए..? अपना जबाव खबर के नीचे दिए गए कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें।
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