नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। इस बजट में 50.65 लाख करोड़ रुपये के कुल व्यय की परिकल्पना की गई है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.4% अधिक है। यह निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट है।
बजट दस्तावेजों के अनुसार, सरकार 12.76 लाख करोड़ रुपये सिर्फ ब्याज भुगतान में खर्च करेगी, जो 9 विभागों के संयुक्त बजट से भी अधिक है।
💰 खर्च का मद/विभाग | 💵 खर्च (करोड़ रुपये में) |
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📉 ब्याज भुगतान | 12,76,338 |
🚆 परिवहन | 5,48,649 |
🛡️ रक्षा | 4,91,732 |
🎯 सब्सिडी | 3,83,407 |
👴 पेंशन | 2,76,618 |
🏡 ग्रामीण विकास | 2,66,817 |
🧾 टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन | 1,86,632 |
🌾 कृषि और संबंधित गतिविधियां | 1,71,437 |
📚 शिक्षा | 1,28,650 |
🏥 स्वास्थ्य | 98,311 |
🏙️ शहरी विकास | 96,777 |
📡 आईटी और टेलीकॉम | 95,298 |
⚡ ऊर्जा | 81,174 |
🏢 वाणिज्य और उद्योग | 65,553 |
🏦 वित्त | 62,924 |
🌍 समाज कल्याण | 60,052 |
🔬 वैज्ञानिक अनुसंधान | 55,679 |
🌏 विदेश मंत्रालय | 20,517 |
🌿 पूर्वोत्तर विकास | 5,915 |
✨ अन्य मद | 82,653 |
🔹 बजट 2025-26 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 5.41 लाख करोड़ रुपये
सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 5,41,850.21 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो कि 2024-25 के संशोधित बजट (4,15,356.25 करोड़ रुपये) से अधिक है।
इसके अलावा, केंद्रीय योजनाओं के लिए 16.29 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो कि पिछले वर्ष के 15.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक हैं।
🔹 किन क्षेत्रों को मिला सबसे ज्यादा बजट..?
✅ परिवहन क्षेत्र को सबसे अधिक आवंटन – ₹5,48,649 करोड़।
✅ रक्षा बजट दूसरे स्थान पर – ₹4,91,732 करोड़।
✅ सब्सिडी के लिए ₹3,83,407 करोड़ निर्धारित।
✅ पेंशन के लिए ₹2,76,618 करोड़ का प्रावधान।
✅ ग्रामीण विकास पर ₹2,66,817 करोड़ खर्च होंगे।
सरकार रोजगार सृजन, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, सशस्त्र बलों की जरूरतों, कृषि एवं ग्रामीण कल्याण, और सामाजिक योजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।
🔹 बजट 2025-26 में सरकार की वित्तीय योजना
✅ उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां : ₹34.96 लाख करोड़
✅ कुल व्यय : ₹50.65 लाख करोड़
✅ निवल कर प्राप्तियां : ₹28.37 लाख करोड़
✅ राजकोषीय घाटा : जीडीपी का 4.4%
✅ सकल बाजार उधारी : ₹14.82 लाख करोड़
✅ कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) : ₹11.22 लाख करोड़ (GDP का 3.1%)
वित्त मंत्री ने राज्यों को हस्तांतरित कुल संसाधन ₹25.01 लाख करोड़ किए हैं, जो कि पिछले वर्ष से 4.91 लाख करोड़ अधिक है।
🔹 9 विभागों का बजट ₹1.29 लाख करोड़ से ₹5.49 लाख करोड़ के बीच
यदि पूरे बजट पर नजर डालें, तो 9 विभागों को ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट मिला है। वहीं, 10 विभागों को ₹1 लाख करोड़ से कम का बजट मिला है, जिनका खर्च ₹5,915 करोड़ से ₹98,311 करोड़ के बीच है।
🔹 पूंजीगत व्यय और आर्थिक सुधारों पर जोर
✅ पूंजीगत व्यय (Capex) का बजट ₹11.22 लाख करोड़ तय किया गया है।
✅ राज्य सरकारों को ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा।
✅ इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और रोजगार सृजन योजनाओं पर विशेष फोकस।
वित्त विशेषज्ञों की माने तो बजट 2025-26 आर्थिक मजबूती, बुनियादी ढांचे के विकास, सामाजिक कल्याण, और करदाताओं के लिए राहत पर केंद्रित है। इस बजट में केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग, किसानों, रक्षा, परिवहन, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है। यह बजट ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
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