लगातार सबसे ज्यादा बजट पेश करने, सबसे लंबे बजट भाषण, पेपरलेस बजट, परम्परा में बदलाव जैसे कई रिकॉर्ड बना चुकीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भाजपा नीत एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण का यह 8वां और मोदी सरकार का 14वां बजट था। इस बजट पर पूरे देश की नजरें केन्द्रित थी क्योंकि आम आदमी को इस बजट से बहुत सारी उम्मीदें थीं। दरअसल माना जा रहा था कि बजट में आम जनता के लिए राहतों का पिटारा खोला जाएगा। बजट में मध्यम वर्ग से लेकर तमाम करदाताओं को टैक्स स्लैब में कमी, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने और 80सी के तहत मिलने वाली छूट को बढ़ाए जाने की बड़ी उम्मीदें थी। माना जा रहा था कि पुरानी और नई, दोनों तरह की आयकर व्यवस्थाओं में करदाताओं को कई छूट और कटौती दी जा सकती हैं।
नया आयकर स्लैब
नई आयकर व्यवस्था के तहत इस बार टैक्स की दरों में बहुत बड़ा बदलाव किया गया है। अब 12 लाख रुपये की वार्षिक कमाई पर कोई कर देने की आवश्यकता नहीं है जबकि इससे पहले 7 लाख की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होता था, स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75 हजार ही रुपये रखा गया है। यह बड़ा बदलाव नई टैक्स व्यवस्था के तहत किया गया है जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ओल्ड टैक्स रिजीम में पहले की तरह ही 5 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होगी, वहीं 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन है।
मध्यम वर्ग को बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आयकर में छूट की बड़ी घोषणा के बाद मध्यम वर्ग को बहुत बड़ी राहत मिली है क्योंकि यदि कोई व्यक्ति अब सालभर में 12 लाख रुपये तक कमाता है तो उसे एक रुपया भी कर देने की आवश्यकता नहीं होगी लेकिन यदि उसकी आमदनी 12 लाख रुपये से एक रुपया भी ज्यादा होती है तो उसे टैक्स देना होगा। ऐसी स्थिति में 4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत, 8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत, 12-15 लाख की आय पर 15 प्रतिशत, 15-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत, 20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत और 24 लाख से अधिक आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा। हालांकि 75 हजार रुपये तक के स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट होगी यानी वेतनभोगियों को 12 लाख 75 हजार रुपये पर कोई टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होगी।
पिछले साल भी हुआ था बड़ा बदलाव
पिछले साल भी नए टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया गया था और स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये की गई थी। आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार नई आयकर दरों से करदाताओं को कम से कम 80 हजार रुपये की बचत होगी। नई कर व्यवस्था में कोई कर नहीं देने पर 12 लाख की आय वाले करदाता को सीधे 80 हजार रुपये का लाभ मिलेगा, वहीं, 16 लाख की आय वाले व्यक्ति को कर में 50 हजार का, 18 लाख की आय वाले व्यक्ति को 70 हजार का, 20 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को 90 हजार का और 25 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को 1 लाख 10 हजार रुपये का लाभ मिलेगा। 2014 में 2.5 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था, 2019 में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया था और 2023 में 7 लाख रुपये की कमाई टैक्स फ्री हुई थी। अब सालाना 12 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री हो गई है।
कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
एक ओर जहां नई कर व्यवस्था के जरिये मध्यम वर्ग को बड़ा फायदा मिलने जा रहा है, वहीं वित्त मंत्री ने बजट भाषण में और भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। बजट में वह भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने को लेकर हर तबके पर जोर देने की कोशिश करती दिखाई दी। बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक कल्याण पर विशेष जोर दिया गया है। वित्तमंत्री के अनुसार, देश का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 प्रतिशत होने का अनुमान है। सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए 31.47 लाख करोड़ रुपये की कुल प्राप्ति का अनुमान लगाया है, जिसमें 25.57 लाख करोड़ रुपये की टैक्स प्राप्ति का अनुमान है जबकि बजट में कुल 47.16 लाख करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है, जिसमें 10.18 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय शामिल है। कुल कृषि और ग्रामीण विकास बजट 438254 करोड़ रुपये का है जबकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 12242 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। स्वास्थ्य बजट में 98311 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप के माध्यम से 100 प्रतिशत घरों को पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इस योजना के लिए बजट में 67 हजार रुपये करोड़ का आवंटन किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए 170266 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
रक्षा क्षेत्र पर ध्यान
रक्षा क्षेत्र के लिए 6.8 लाख करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया गया है, जो अनुमानित जीडीपी का 1.91 प्रतिशत है। 6.8 लाख करोड़ रुपये के रक्षा बजट में 1.8 लाख करोड़ रुपये कैपिटल बजट के लिए रखा गया है, जिसे नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजो-सामान खरीदे जाएंगे। 2024 में रक्षा मंत्रालय को 6.21 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 4.79 प्रतिशत ज्यादा था, तब कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये बजट का आवंटन किया गया था।
वित्त मंत्री के अनुसार, यह बजट विकास की गति बढ़ाने, समग्र विकास करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, घरेलू संवेदनाओं को मजबूत करने और मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है। बजट में प्रस्तावित विकास उपाय, गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखते हुए 10 क्षेत्रों को कवर किया गया है, जिनमें कृषि विकास और उत्पादकता को गति देना, ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण, समावेशी प्रगति के पथ पर सबको साथ लेकर चलने, भारत में विनिर्माण बढ़ाने और मेक इन इंडिया को आगे ले जाने, एमएसएमई को मदद देने, रोजगार तथा विकास को समर्थ बनाने, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करने, ऊर्जा आपूर्तियां सुनिश्चित करने, निर्यात को बढ़ावा देने और नवाचार को पोषित करने पर फोकस किया जाएगा।
मखाना, मछली, आंगनबाड़ी, छात्र, किसान, महिलाओं को लेकर बड़ी घोषणाएं
2025-26 के बजट में मखाना, मछली, आंगनबाड़ी, छात्र, किसान, महिलाओं इत्यादि को लेकर कई बड़ी घोषणाएं हुई हैं। धनधान्य योजना और डेयरी तथा मछली पालन के लिए 5 लाख तक के लोन की घोषणाएं हुई हैं। पीएम धनधान्य कृषि योजना कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर करेगी। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम में 1.7 करोड़ किसान शामिल होंगे और इसे राज्यों के साथ लांच किया जाएगा, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना है ताकि पलायन एक विकल्प बन जाए, जरूरत नहीं। देश के 7.7 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जाएगी। इनमें मछुआरे और डेयरी किसान भी शामिल होंगे। किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ब्याज अनुदान योजना की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाएगा। वित्त मंत्री ने 10 हजार करोड़ के योगदान से स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड्स की स्थापना करने और सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड पेश करने की भी घोषणा की है। पहली बार उद्यमी बनने वाली 5 लाख महिला एससी/एसटी के लिए एक योजना शुरू करने, अगले पांच वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपये तक के टर्म लोन उपलब्ध कराने तथा 1 करोड़ गिग वर्कर्स की सहायता के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करने की घोषणाएं भी बजट में हुई हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर भी बजट में कुछ बड़ी घोषणाएं की गई हैं, जिनमें कैंसर की 36 दवाएं पूरी तरह से ड्यूटी फ्री करने, अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की सुविधा प्रदान करने, सक्षम आंगनबाड़ी पोषण 2.0 के तहत 8 करोड़ बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलने, बच्चों में वैज्ञानिक सोच में विकसित करने के लिए स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना करने, 57 दवाओं को निशुल्क दवा के अंतर्गत शामिल करने की घोषणाएं शामिल हैं। शिक्षा में भी कई बड़े ऐलान हुए हैं, जिनमें मेडिकल सीटों में बढ़ोतरी, स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा, आईआईटी को और बेहतर करने जैसे कई ऐलान शामिल हैं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर होने की उम्मीद बढ़ी है। बजटीय घोषणाओं के मुताबिक, अगले साल मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10 हजार सीटें जोड़ी जाएंगी, साथ ही अगले पांच वर्षों में 75 हजार सीटें जोड़ी जाएंगी। आगामी 5 वर्षों में आईआईटी और आईआईएससी में तकनीकी रिसर्च के लिए 10 हजार से अधिक फेलोशिप प्रदान की जाएंगी। सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी दी जाएगी। वित्त मंत्री ने पांच आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढ़ांचा तैयार करने, आईआईटी पटना का विस्तार करने, वैश्विक विशेषज्ञता के साथ कौशल के लिए पांच राष्ट्रीय केंद्र स्थापित करने, स्कूलों और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषा की पुस्तकों को डिजिटल रूप प्रदान करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना शुरू करने जैसी घोषणाएं भी बजट में की हैं।
ये उत्पाद होंगे सस्ते
बजट में दी गई कुछ छूटों के चलते लिथियम बैटरी और टीवी सहित इलैक्ट्रॉनिक उत्पाद सस्ते होंगे। एक ओर जहां इलैक्ट्रिक कारें सस्ती होंगी, वहीं कस्टम ड्यूटी कम होने से मोबाइल से लेकर टीवी तक सभी सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा भारत में बनने वाले सभी तरह के इलैक्ट्रॉनिक उत्पाद भी सस्ते हो जाएंगे। लिथियम-आयन बैटरी के स्क्रैप, कोबाल्ट पाउडर, जिंक, लैड तथा अन्य 12 महत्वपूर्ण खनिजों को बेसिक कस्टम्स ड्यूटी से छूट देने का निर्णय लिया गया है। अंतर्राज्यीय ट्रांसमिशन क्षमताओं को बेहतर करने और 2047 तक 100 गीगावॉट की परमाणु ऊर्जा क्षमता को विकसित करने का भी लक्ष्य रखा गया है। एक लाख करोड़ रुपये से अर्बन चैलेंज फंड बनाने और इस कोष से शहरों में व्यवस्थाओं में सुधार लाने का भी बजट में ऐलान किया गया है।
आम जनता के जीवन में सुधार
बहरहाल, 2025-26 के बजट का मुख्य उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को गति देना, किसानों और छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाना तथा प्रत्येक वर्ग के लिए राहत और अवसरों का विस्तार करते हुए आम जनता के जीवन स्तर में सुधार लाना है। सरकार ने प्रत्येक वर्ग और खासतौर से गरीब, मध्यम वर्ग, युवाओं और महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है, जो उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करेंगे। सरकार ने इस बजट में आयकर में सुधार, कृषि क्षेत्र में निवेश, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी योजनाओं के जरिये आम आदमी की उम्मीदों को नई दिशा दी है। कुल मिलाकर यह बजट भारत के विकास को नई दिशा देने वाला माना जा सकता है, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की गई हैं। महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त आम आदमी के लिए सरकार ने जिस तरह की बड़ी राहतों का पिटारा बजट में खोला है, उसे देखते हुए इस बजट को खासतौर से मध्यम वर्ग का बेहद संतुलित और राहतकारी बजट कहा जा सकता है।
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