नई दिल्ली । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के ‘अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन’ प्रकल्प के अंतर्गत राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भेंट की। इस दौरान उन्होंने यात्रा के अपने अनुभव साझा किए और इस पहल को राष्ट्र को एकजुट करने का महत्वपूर्ण प्रयास बताया।
पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों की राष्ट्रव्यापी यात्रा
अभाविप के ‘अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन’ प्रकल्प के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के छात्र देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा कर रहे हैं, ताकि वे भारत की विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि को करीब से समझ सकें। इसी क्रम में रानी गाइदिन्ल्यू समूह के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को माननीय उपराष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की।
उपराष्ट्रपति ने यात्रा को बताया राष्ट्र को जोड़ने वाली पहल
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने इस यात्रा की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए इसे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि बताया। उन्होंने कहा- “यह यात्रा भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को याद करने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का एक सराहनीय प्रयास है।”
उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों को ‘अष्टलक्ष्मी’ की संज्ञा देते हुए कहा कि यह क्षेत्र भारत का सांस्कृतिक और प्राकृतिक वैभव है, जो विश्व के सबसे सुंदर पर्यटन स्थलों में शामिल है।
नितिन गडकरी ने यात्रा को ‘एकता में विविधता’ का प्रतीक बताया
केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने भी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए इस यात्रा की सराहना की। उन्होंने कहा, “अभाविप का यह ‘सील’ प्रकल्प भारत की ‘एकता में विविधता’ का एक सशक्त उदाहरण है। विद्यार्थी जीवन में इस तरह की जागरूकता और संवेदनशीलता ही हमें पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रेरित करती है। जिस प्रकार यह यात्रा पूरे देश में दिलों को जोड़ने का कार्य कर रही है, उसी तरह सरकार भी पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है और ऐसे आयोजनों से उनमें राष्ट्रभक्ति की भावना मजबूत होती है।
अभाविप की राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा का उद्देश्य
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने इस यात्रा को भारत की सांस्कृतिक एकता को सजीव रूप में प्रस्तुत करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने कहा- “यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों को भारत के अन्य हिस्सों में रहने, वहां की जीवनशैली, संस्कृति और परंपराओं को समझने का अवसर प्रदान करता है। इससे विभिन्न राज्यों के छात्रों के बीच आपसी मेल-जोल बढ़ता है और राष्ट्रवादी चेतना विकसित होती है।”
उन्होंने आगे कहा कि इस यात्रा से लौटकर ये युवा अपने-अपने राज्यों में ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
युवा शक्ति से सशक्त भारत की ओर एक कदम
अभाविप की इस यात्रा का उद्देश्य भारत के विभिन्न हिस्सों के युवाओं को एक मंच पर लाना और राष्ट्र को एकजुट करने की भावना को मजबूत करना है। इस अवसर पर छात्रों ने अपनी संस्कृति, परंपराओं और अनुभवों को साझा किया, जिससे राष्ट्र के भीतर आपसी भाईचारा और समझ को बढ़ावा मिला। इस तरह, यह यात्रा भारत की विविधता में एकता को और अधिक सशक्त करने का एक प्रयास साबित हो रही है।
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