भारत सरकार ने बांग्लादेशी और अन्य घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई काफी तेज कर दी हैं। केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल सहित देश के अन्य राज्यों में भी अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सकारात्मक कार्रवाई की जा रही है। इन राज्यों में खास बात यह है कि इन राज्यों में अवैध बांग्लादेशी और अन्य घुसपैठियों का बहुत ही मजबूत तंत्र बना हुआ था।
जानकारी के मुताबिक अकेले असम में 12500 से अधिक अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा जा चुका है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में 500 से अधिक की गिरफ्तारी हो चुकी है। एक ख़ास बात है की अब केंद्र सरकार को राज्य सरकारों का इस मुद्दे पर खुला और स्पष्ट समर्थन मिल रहा है, जिससे की इस समस्या का समाधान ज्यादा तेजी से हो रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने भी इस दिशा में सकारात्मक और ठोस कदम उठाये हैं जिससे कि अवैध घुसपैठियों के पूरे तंत्र को ही नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है और इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। हरियाणा भी काफी सार्थक पहल कर रहा है। पहले ये घुसपैठिये एक राज्य में कार्रवाई होने पर दूसरे राज्य में चले जाते थे लेकिन कई राज्यों की पहल अब उनके मंसूबे को ध्वस्त करती दिख रही है। असम की सरकार इस समस्या के समाधान में काफी मजबूत पहल अन्य राज्यों के लिए एक मार्गदर्शक पहल है।
भारत सरकार द्वारा अवैध घुसपैठियों के लिए त्रिस्तरीय योजना बनाई गई है। उनमे पहला अवैध घुसपैठियों की पहचान, फिर गिरफ्तारी और अंत में उनका निर्वासन। बांग्लादेश के द्वारा निर्वासन में आनाकानी करने की स्थिति को भी भारत ने पहले से भांप कर उसके बारे में अपनी योजना तैयार कर रखी है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी आखिरी अमेरिका की यात्रा में अवैध घुसपैठियों के निर्वासन की पूरी रूपरेखा को तैयार करके लौटे हैं। अमेरिका खुद ही मैक्सिको सहित कई अन्य देश अवैध घुसपैठियों से परेशान हैं। ट्रम्प सरकार अवैध घुसपैठियों की समस्या को समूल नष्ट कर देने को कृतसंकल्पित नज़र आ रही है। भारत सरकार भी अमेरिकी सरकार की तरह इस समस्या से छुटकारा पाना चाहती है। डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार का रख इस मुद्दे पर अपने पूर्ववर्ती जो बिडेन के सरकार के उलट है और भारत को अमेरिकी सरकार का हर कदम पर पूरा सहयोग मिलता दिख रहा है।
डोनाल्ड ट्रम्प सरकार के रुख के कारण भारत में अमेरिकी चंदा से पोषित कई संस्थाएं जो भारत सरकार के इस कदम का विरोध करती थी और इस बार भी ऐसा करने पर आमादा थी उनको ट्रम्प सरकार के कार्यकलापों के कारण अब कुछ करने को शेष नहीं बचा है और अब उनका हाथ भी पूरी तरह बंध गया है। इस कदम से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि आने वाले समय काल में मोदी और ट्रंप सरकार कदम से कदम मिलाकर इस तरह के समस्या से निपटेंगी।
मानवाधिकार के हिमायतियों को भी अब इस मुद्दे पर मुंह पूरी तरह बंद हो गया है। हाल ही में मुंबई में बड़े फ़िल्मी कलाकार सैफ अली खान पर हमले का मामला हो और कई अन्य मामलो में अवैध घुसपैठियों की संलिप्तता के कारण अब इन अवैध घुसपैठियों के पैरोकार कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं। कई घटनाओ से यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि ये अवैध घुसपैठिये देश की एकता अखंडता के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं।
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