महाकुंभ में मौनी अमावस्या में भगदड़ के बाद अखाड़ों ने शाही स्नान न करने का निर्णय लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से बात की। मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद अखाड़े सांकेतिक एवं साधारण तरीके से स्नान के लिए तैयार हुए हैं। अपने अपने क्रम से अखाड़े स्नान कर रहे हैं। अखाड़ों के अमृत स्नान में किसी भी प्रकार के गाजे बाजे का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री ने एक्स पर इस घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। राष्ट्रपति ने भी इस घटना पर दुःख जताया है।
भगदड़ की घटना के बाद अपने सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक हाइ लेवल बैठक बुलाई जिसमें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महा निदेशक, एवं पुलिस महा निदेशक कानून एवं व्यवस्था शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि घटना स्थल के निकट ही सेक्टर-4 में संगम चिकित्सालय बनाया गया है। इस अस्पताल में 20 बेड की व्यवस्था है। घटना के बाद इस अस्पताल में जगह कम पड़ने पर घायलों को मेला के केंद्रीय अस्पताल में रेफर किया गया। गंभीर रूप से घायलों को स्वरूप रानी चिकित्सालय में रेफर किया गया।
बता दें कि रात के करीब ढाई बजे बजे भगदड़ हुई। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। उसके तुरंत बाद संगम तट पर एनएसजी कमांडो भी मौके पर पहुंचे। घटना के बाद संगम नोज के पास लोगों को जाने से रोक दिया गया और सभी से अपील की गई है कि गंगा जी के स्नान घाट पर स्नान करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी से अपील की है कि “संगम पर अत्यधिक दबाव है इसलिए गंगा जी के स्नान घाट पर स्नान करें। गंगा जी के स्नान घाट पर 12 किलोमीटर लंबा स्नान घाट बनाया गया है। गंगा जी के तट पर स्नान के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है। श्रद्धालु, गंगा जी के तट पर जहां भी स्नान घाट मिले, वहां पर स्नान करें।” अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा है कि “मौनी अमावस्या पर गंगा जी के स्नान का महत्व है। संगम पर अत्यधिक दबाव है इसलिए श्रद्धालुओं से अपील है कि वह संगम की ओर जाने से बचें।”
भगदड़ के बाद हेलीकॉप्टर से अधिकारी मेले की निगरानी कर रहे हैं। लोगों से कहा गया है कि शांत रहें और अफवाह पर ध्यान दें। स्पीकर पर घोषणा की जा रही है कि प्रशासन का सहयोग करें। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आईपीएस अधिकारी मौके पर तैनात किए गए हैं।
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