दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने महिलाओं को फ्री बस यात्रा की सुविधा देकर इसे महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए एक बड़ा कदम बताया था। हालांकि, इस योजना के कार्यान्वयन पर सवाल उठने लगे हैं। फ्री बस यात्रा के नाम पर कई खामियों और संभावित घोटालों की ओर इशारा किया जा रहा है, जो सरकार की नीयत और प्रशासनिक क्षमता पर सवाल खड़े करते हैं।
फ्री यात्रा, लेकिन टिकट क्यों..?
महिलाओं को डीटीसी और क्लस्टर बसों में फ्री यात्रा का लाभ दिया गया है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्हें टिकट भी जारी किया जाता है। यह बड़ा सवाल उठता है कि यदि यात्रा मुफ्त है, तो टिकट का क्या औचित्य है?
संभावित घोटाले की आशंका
अगर इस योजना की गहराई से जांच की जाए, तो इसमें बड़े घोटाले का खुलासा होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, फ्री टिकट के नाम पर डीटीसी द्वारा झूठे आंकड़े दिखाए जा रहे हैं, जिनकी मदद से करोड़ों रुपये का सरकारी फंड बंदरबांट किया जा सकता है। फर्जी टिकट और बिना यात्रा किए हुए लोगों की एंट्री सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा सकती है।
शीला दीक्षित सरकार बनाम केजरीवाल सरकार
दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार के समय डीटीसी बसें समय पर चलती थीं। उस समय डीटीसी के बेड़े में इतनी बसें थीं की हर 5-7 मिनट में बसों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती थी। वर्तमान में, डीटीसी के पास बसों की संख्या बढ़ने की बजाय घट गई है जिसके चलते अब यात्रियों को एक बस के लिए औसतन 20-25 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है।
वहीं शीला दीक्षित के कार्यकाल में बसों का रखरखाव बेहतर था और रूटों पर नियंत्रण सख्त था। आज बसों की संख्या और रखरखाव दोनों में गिरावट आई है।
महिलाओं के लिए बस यात्रा में सुरक्षा का अभाव
ग्रीनपीस इंडिया की एक रिपोर्ट ने दिल्ली में महिलाओं की बस यात्रा को लेकर गंभीर चिंताएं उजागर की हैं। रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं :
बस यात्रा के दौरान मुख्य चुनौतियां:
आधे से कम महिला बस यात्री खुद को बस स्टॉप और बस में सफर करते समय ‘आमतौर पर सुरक्षित’ मानती हैं। दो-तिहाई महिलाओं ने बस स्टॉप पर रोशनी को अपर्याप्त बताया। बड़ी संख्या में महिलाओं ने माना की उन्हें अक्सर 30 मिनट से अधिक बस का इंतजार करना पड़ता है, जिससे यात्रा उनके लिए असुविधाजनक और असुरक्षित बन जाती है।
AAP सरकार के अन्य घोटालों का जिक्र
फ्री बस यात्रा योजना केवल एक उदाहरण है, पहले भी AAP सरकार के कार्यकाल में कई अन्य घोटाले सामने आए हैं-
शराब घोटाला : दिल्ली में नई शराब नीति के तहत लाइसेंस देने में भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिसके कारण नीति को वापस लेना पड़ा।
स्कूल निर्माण घोटाला : शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के बड़े दावों के बावजूद, स्कूलों के निर्माण और उनके रखरखाव में वित्तीय अनियमितताओं के मामले सामने आए।
मोहल्ला क्लिनिक घोटाला : क्लिनिक्स में डॉक्टरों की फर्जी उपस्थिति और नकली मरीजों के नाम पर टेस्ट कराने के आरोप लगे।
डीटीसी बसों की मौजूदा स्थिति
वर्तमान में डीटीसी बसों की स्थिति खराब हो चुकी है। 2015 के बाद से दिल्ली में नई बसों की संख्या बेहद कम बढ़ी है। मौजूदा बसें खराब रखरखाव के कारण अक्सर खराब रहती हैं। डीटीसी के ऑपरेशनल खर्च में वृद्धि हुई है, लेकिन इसका लाभ यात्रियों तक पहुंचता नहीं दिख रहा।
फ्रीबीज का असर और जनता का सवाल
AAP सरकार ने फ्री बिजली, पानी, और यात्रा जैसे फ्रीबीज के जरिए जनता को तात्कालिक राहत देने की कोशिश की है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से ये योजनाएं दिल्ली के बजट पर भारी पड़ रही हैं। 2023-24 में दिल्ली सरकार का परिवहन बजट 9,333 करोड़ रुपये था, जिसमें फ्री बस यात्रा योजना का बड़ा हिस्सा शामिल है।
बरहाल दिल्ली की जनता अब सवाल कर रही है कि क्या उन्हें फ्री योजनाओं के बदले भ्रष्टाचार और असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा..?
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