प्रयागराज महाकुंभ मेें भारत से ही नहीें, विश्व के अनेक देशोें से श्रद्धालु आ रहे हैं। ये भक्त गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की एक डुबकी लगाकर अपने मानव जीवन को धन्य मान रहे हैं। आस्था के इस वेग के सामने कोई विकृति टिक नहीें पा रही है। जय सनातन, जय भारत
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