महाकुंभनगर, (हि.स)। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि काशी व मथुरा में हिन्दू मंदिरों की भूमि वापस लेकर रहेंगे। यह हमारा अडिग अटल निर्णय है। 1984 की धर्म संसद में संतों ने कहा था कि अयोध्या, मथुरा व काशी से अपमान के चिन्ह हटने चाहिए। अयोध्या में रामलला विराजमान हो चुके हैं। आलोक कुमार रविवार को विहिप के शिविर में आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द की उपस्थिति में संपन्न संत सम्मेलन की अध्यक्षता युग पुरुष स्वामी परमानंद महाराज ने की।
विहिप के अध्यक्ष ने कहा कि ईस्ट इण्डिया कंपनी के समय सरकार ने हिन्दू मंदिरों को अपने नियंत्रण में ले लिया था। सरकार की कुल आय सरकार के खजाने में जाने लगी। जब गिरजाघर और मंस्जिद पर नियंत्रण नहीं है तो मंदिरों पर क्यों? विहिप ने विजयवाड़ा से लाखों की संख्या में हिन्दुओं की उपस्थिति में सरकारी नियंत्रण से मुक्ति का अभियान शुरू किया है। हिन्दू मंदिरों का संचालन हिन्दू समाज ही करेगा। आने वाले समय में मंदिर हमारे पास आयेंगे।
आलोक कुमार ने घटती हिन्दू जन्मदर पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कम से कम तीन बच्चे होने ही चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की जनसंख्या को स्थिर करना हो तो जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 होनी चाहिए। केरल में 1.7 है। देश की औसत आबादी कम हो रही है। अगर अभी हम नहीं चेते तो देश में बूढ़े ज्यादा हो जायेंगे और युवा कम हो जायेंगे। पहले बाल विवाह की समस्या थी। अब अधिक उम्र में शादी हो रही है। इसके कारण परिवार में तनाव बढ़ रहा है।
आलोक कुमार ने कहा कि सरकार संसद में बिल लाकर प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को निरस्त सकती है। बांग्लादेश की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेश को हिन्दू विहीन करने का प्रयास किया गया तो सारे विकल्प खुले हैं। वहां के हिन्दुओं पर जब हमले हुए तो राजनयिक दबाव बनाया गया था उसका असर भी बांग्लादेश की सरकार पर हुआ।
संतों ने जताई चिंता
कर्नाटक के संत सोमलिंगा महाराज ने कहा कि संतों के जागने से धर्म रुकता नहीं है। संत नहीं जागे तो धर्म नष्ट हो जायेगा। हम अगर आश्रम से बाहर निकले तो धर्मान्तरण रूक जायेगा परिवर्तन आ जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारे मंदिरों पर मस्जिद बना दी गयी हम देखते रह गये।
वारकरी सम्प्रदाय के संत हरिभक्त नारायण शिन्दे ने कहा कि मठ नहीं मंदिर नहीं हमारा लक्ष्य हिन्दुस्तान है। वारकरी सम्प्रदाय देश के लिए लड़ेगा। हमारे सम्प्रदाय में अष्टपुत्र सौभाग्यवती भव का आशीर्वाद दिया जाता है। संत बालक दास ने कहा कि हिन्दुओं की जनसंख्या घट रही है। इस पर संतों को प्रखरता से काम करना होगा। वज्रयान तिब्बती परम्परा के पलकानंद महाराज ने कहा कि संस्कार व परम्परा के संरक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना हम कर रहे हैं।
आश्रम छोड़ो, गांव चलो
उड़ीसा के संत डा.श्रुति सागरानन्द महाराज ने संतों से आहवान किया कि आश्रम छोड़ो, गांव चलो। अपने भक्तों को जाकर देखो उनका मार्गदर्शन करो। साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा कि युवा सनातन को लेकर जागृत नहीं है। युवाओं में अलख जगाने की आवश्यकता है।
महामण्डलेश्वर ज्योतिर्मयान्द ने कहा कि अभी समय है , ऐसा कोई कानून बनना चाहिए जिससे विधर्मियों की जनसंख्या पर नियंत्रण हो सके।
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