गत 19 जनवरी को कोलकाता में राष्ट्रीय पुस्तकालय और प्रज्ञा प्रवाह की पश्चिम बंगाल इकाई ‘लोकप्रज्ञा’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘स्वामीजी, नेताजी और आज के युवाओं के लिए उनकी प्रासंगिकता’ विषय पर एक गोष्ठी हुई। इसके मुख्य अतिथि थे राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस।
कार्यक्रम में रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय, बेलूर मठ के रजिस्ट्रार स्वामी कलेशानंद महाराज, प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय युवा प्रमुख इशान जोशी, राष्टÑीय पुस्तकालय के महानिदेशक प्रो. अजय प्रताप सिंह, जादवपुर विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. डॉ. सोमनाथ भट्टाचार्य, विवेकानंद विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग के डीन डॉ. सोम शुभ्र गुप्ता, बिधानचंद्र कृषि विश्वविद्यालय के प्रो. दिलीप कुमार मिश्र विशेष रूप से उपस्थित थे।
लोकप्रज्ञा के राज्य शोध प्रमुख डॉ. इंद्रजीत सरकार, राज्य संपर्क प्रमुख डॉ. आशीष मंडल समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में 270 छात्र-छात्राओं सहित कुल 500 लोगों ने भाग लिया।
गत दिनों प्रयागराज महाकुंभ में कश्मीर घाटी और बांग्लादेश के हिंदुओं पर कट्टरपंथियों और आतंकवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों से संबंधित चित्रों की एक प्रदर्शनी लगाई गई। इसका उद्घाटन वृंदावन धाम स्थित श्री चंद्रोदय मंदिर के स्वामी कंजलोचन कृष्णदास, हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगले और समिति के उत्तर-पूर्व भारत के मार्गदर्शक सद्गुरु नीलेश सिंगबाल ने किया।
इसे संबोधित करते हुए स्वामी कंजलोचन कृष्णदास ने कहा कि आज हमें बांग्लादेश और कश्मीर में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और अन्याय को नहीं भूलना चाहिए। बांग्लादेश में आज हमारे मंदिर और मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। इस समस्या का समाधान करना है तो बांग्लादेश, भारत सहित विश्व के सभी हिंदुओं को एकजुट होना होगा, तभी इसका हल निकलेगा। प्रदर्शनी का आयोजन हिंदू जनजागृति समिति ने किया था।
Leave a Comment