असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल को भारतीय संविधान के नियमों की याद सताने लगी है। उसने संविधान के नियमों का हवाला देते हुए संसद के सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति मांगी है।
उसने इस बाबत उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। याचिका में उसने संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का हवाला देते हुए संसदीय सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी है। अमृतपाल सिंह का कहना है कि वे 19 लाख लोगों के जनप्रतिनिधि हैं और संसदीय सत्र में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करना उनके अधिकारों और कर्तव्यों का हिस्सा है।
ज्ञात रहे कि अमृतपाल खालिस्तान समर्थक है और वह भारतीय संविधान व नियमों को नकारता रहा है। भारतीय पासपोर्ट को वह केवल यात्रा करने का दस्तावेज बताता आया है। अजनाला के थाने में हिंसा व तोडफ़ोड़ करने के आरोप में वह अपने साथियों के साथ असम की जेल में बंद है।
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