उत्तर प्रदेश

बेगम हजरत महल पार्क, छोटा-बड़ा इमामबाड़ा नहीं है वक्फ बोर्ड की संपत्ति: यूपी सरकार

उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड 14,000 हेक्टेयर जमीन पर अपना दावा करता है। इसमें से 11,700 हेक्टेयर जमीन सरकार की संपत्ति है।

Published by
Kuldeep singh

वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर मुसलमानों की राय जानने और उनके सुझावों को समझने के लिए गठित ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) को उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सर्वे रिपोर्ट को सौंप दिया है। इसमें लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा, बड़ा इमामबाड़ा और बेगम हजरत महल पार्क को लेकर सरकार ने बड़ा खुलासा किया है। सरकार के मुताबिक, ये सभी वक्फ बोर्ड की संपत्तियां नहीं हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ बोर्ड प्रदेश में 14,000 हेक्टेयर जमीन पर अपना दावा करता है। लेकिन, अब सर्वे के बाद खुलासा हो गया है कि 11,700 हेक्टेयर जमीन प्रदेश सरकार की है, जिस पर वक्फ बोर्ड अपना दावा करता है। मतलब ये कि करीब 70 फीसदी जमीन असल में वक्फ बोर्ड की है ही नहीं। इससे पहले सच्चर कमेटी ने भी प्रदेश की 60 संपत्तियों को लेकर दावा किया था कि ये संपत्तियां वक्फ बोर्ड की नहीं हैं।

उल्लेखनीय है कि जेपीसी की बैठक के दौरान प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ ही शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने उन्हें बताया है कि व्यापक सर्वे किया है, जिसमें इससे पहले इन संपत्तियों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था। इसके अलावा हमने इस्लामिक स्कॉलरों और परिषदों के सुझावों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया है कि 31 जनवरी से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान ये रिपोर्ट पेश की जाएगी। उम्मीद है कि इससे अच्छा कानून बनेगा।

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ओवैसी को दर्द

इस बीच अब जेपीसी के सदस्य और एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का वक्फ बोर्ड में एक गैर मुस्लिम के होने पर दर्द छलक उठा। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि गैर मुस्लिम को वक्फ बोर्ड में शामिल कर लिया गया। ये कानून ही वक्फ बोर्ड को तबाह करने के लिए है।

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