पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आरजीकर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और फिर उसकी हत्या करने वाले को आखिरकार सजा मिल ही गई। दोषी संजय राय को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अब उसे आजीवन जेल में ही रहना होगा। इसके अलावा उस पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी ठोंका गया है।
हालांकि, आरजीकर की पीड़िता के रेप और उसकी बेरहमी से हत्या के मामले में पीड़िता के परिजनों और सीबीआई ने अदालत से दोषी को फांसी देने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने कहा कि ये कोई रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामला नहीं है। अत: मामले में फांसी की जगह उमकैद दिया जाएगा। सुनवाई के दौरान जब जज ने संजय राय को बताया कि तुम पर जितने भी आरोप लगाए गए थे, वो सभी साबित हो चुके हैं। इस पर बड़ी ही बेशर्मी के साथ दोषी दरिंदे ने कहा कि मैं रूद्राक्ष की माला पहनता हूं, अगर मैंने कोई अपराध किया होता तो ये माला वहीं टूट जाती। उसने आरोप लगाया कि उसे बोलने ही नहीं दिया गया। इस पर जज ने कहा कि अदालत ने तुम्हें आधे दिन का वक्त केवल बोलने के लिए दिया था, लेकिन तब तक तो चुप ही रहे।
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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को पीजी ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। 10 अगस्त को इस मामले में एक सिविल वालंटियर को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद पूरे देश में उबाल आ गया। देशभर में डॉक्टरों ने आंदोलन शुरू कर दिया। इसके बाद 13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रदर्शन के दौरान आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई।
पीड़िता के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उसके साथ दरिंदगी का अहसास होता है। पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जूनियर डॉक्टर के सिर, दोनों गाल, होंठ (ऊपरी और भीतरी), नाक, दायां जबड़ा, ठुड्डी, गर्दन (एपिग्लॉटिस के पास और ऊपर), बाएं हाथ, कंधे, घुटने, टखने और प्राइवेट पार्ट समेत कुल 14 चोट के निशान मिले थे।
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