भोपाल, (हि.स.)। मध्य प्रदेश का दमोह जिला एक बार फिर चर्चा में है। तेंदूखेड़ा विकासखंड में आने वाले गांव दोनी में प्राचीन शिवलिंग, जलाधारी और नागदेव की प्रतिमा मिली है। कलचुरी काल के होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
दोनी गांव में पुरातत्व विभाग सर्वे कर रहा है। शुक्रवार को खुदाई के दौरान सदियों पुराने भग्नावशेष मिले हैं। फिलहाल इस बारे में पुरातत्व विभाग की ओर से तो कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों ने यहां शिवलिंग, जलाधारी और नागदेव की पाषाण प्रतिमा निकलने का दावा किया है।
दमोह के दोनी गांव में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। जिला प्रशासन की पहल के बाद यहां सर्वे किया जा रहा है। यहीं सास-बहू के नाम से एक प्राचीन बहर (कुंड) है। इसका जीर्णोद्धार चल रहा है, जिसमें पाषाण मूर्तियां और भग्नावशेष पाए गए हैं। शिवलिंग और जलाधारी मिलने की खबर फैलने के बाद यहां दर्शन करने वालों का तांता लग गया है। गांव वालों ने इन प्रतिमाओं को प्रतिष्ठापित कराने के लिए एक मंदिर बनाने की भी बात कही है। ग्रामीणों का कहना है कि खुदाई के दौरान बड़ी संख्या में सर्प निकले और इसके बाद नागदेव की पाषाण आकृतियां भी निकलीं।
दोगी गांव में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर कलचुरी कालीन बताया जा रहा है, जो कि युवराज देव के शासकाल के होने का दावा किया जा रहा है। उस दौर में पहले चरण मंदिर हैं। पुरात्तव विभाग की आयुक्त उर्मिला शुक्ला ने बताया कि खुदाई कार्य तीन महीने से किया जा रहा है। अभी आगे और काम किया जाएगा।
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