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भारत सरकार का बड़ा रणनीतिक कदम, निजी क्षेत्रों को भी परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मिलेगा मौका

220 मेगावाट भारत लघु रिएक्टरों के प्रस्तावित बेड़े के निर्माण और भारत सरकार के नियमों के तहत बिजली बेचने के लिए आमंत्रित किया है। इसके लिए सरकार ने 31 मार्च तक के डेडलाइन तय की है।

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Kuldeep singh

‘परमाणु ऊर्जा’ ये वो क्षेत्र है, जिससे देश का प्राइवेट सेक्टर अब तक पूरी तरह से अछूता रहा है। यह विभाग सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा कंट्रोल किया जाता है। लेकिन, अब भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने परमाणु क्षेत्र को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने का फैसला किया है।

रिपोर्ट के अनुसार,  इसके तहत देश की एकमात्र परमाणु ऊर्जा ऑपरेटर कंपनी भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) ने प्रस्तावों के लिए एक अनुरोध जारी किया है। इसके तहत उद्योगों के कैप्टिव उपयोग के लिए 220 मेगावाट भारत लघु रिएक्टरों के प्रस्तावित बेड़े के निर्माण और भारत सरकार के नियमों के तहत बिजली बेचने के लिए आमंत्रित किया है। इसके लिए सरकार ने 31 मार्च तक के डेडलाइन तय की है। आधिकारियों का कहना है कि ऐसे परमाणु रिएक्टरों की स्थापना करके 2070 तक कार्बन फुटप्रिंट को शून्य तक करने का लक्ष्य रखा गया है।

हालांकि, ये स्पष्ट कर दें कि परमाणु ऊर्जा अक्षय ऊर्जा नहीं है, लेकिन यह स्वच्छ ऊर्जा अवश्य है। इसके लिए केंद्र सरकार ने जुलाई 2024 के बजट में भी ऐलान किया था, जिसके तहत सरकार अमेरिका समेत दूसरे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को सकारात्मक संदेश देना चाहता है। इसीलिए सरकार अब बीएसआर को निजी पूंजी के साथ स्थापित करने की तैयारी कर रही है, जो कि स्वीकृत व्यावसायिक मॉडल और मौजूदा कानूनी ढांचे के अंतर्गत ही काम करेगी। निजी कंपनियों के पास बिजली उत्पादन का अधिकार होगा।

अधिकारियों का कहना है कि निजी क्षेत्र के अंतर्गत शुरू की जाने वाली परियोजना का पूर्व चरण, रखरखाव, क्षति की स्थिति में संपत्ति बहाली और डी कमीशनिंग ये सभी चीजें होगी, जिसे प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों द्वारा ही पूरा किया जाएगा। ये सारी गतिविधियां एनपीसीआईएल की निगरानी में ही की जाएंगी। बाद में इन सारी चीजों के पूरा होने के बाद संचालन के लिए एनपीसीआईएल को सौंप दिया जाएगा।

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