प्रधानमंत्री स्टार्मर ने ट्यूलिप की प्रशंसा में कहा कि उन्होंने मुश्किल फैसला लिया है। इतना ही नहीं, लेबर पार्टी आगे उनको कोई अन्य पद या जिम्मेदारी देगी, इसकी ओर संकेत करते हुए स्टार्मर ने कहा कि ट्यूलिप के लिए आगे बढ़ने के द्वार खुले रहने वाले हैं।
बांग्लादेश से सत्ता से बाहर की गई निवर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना की भतीजी ट्यूलिप सिद्दीकी को आखिरकार लेबर पार्टी की सेकुलर स्टार्मर सरकार को छोड़ना पड़ा। वजह थी ‘वित्तीय अनियमितताएं’। लेकिन उनसे इस्तीफा लिए जाने की यह वजह कितनी सतही थी इसका अंदाजा इस विषय पर टिप्पणी में दिए स्टार्मर के वक्तव्य से हो जाता है।
पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री की भतीजी ट्यूलिप सिद्दीकी का इस्तीफा स्वीकार करते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां मैं साफ कर दूं कि ट्यूलिप के विरुद्ध मंत्रालय के किसी कोड का उल्लंघन करने का कोई सुराग नहीं देखने में आया है। यानी ट्यकलप ने वित्तीय अनियमितताएं कीं, इस चीज का कहीं कोई सबूत नहीं मिला। तो फिर इस्तीफा क्यों? इसकी असल वजह क्या है?
क्या ट्यूलिप को शेख हसीना की भतीजी होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है या ब्रिटेन के वित्त मंत्रालय में उन्होंने मंत्री के नाते सच में किसी प्रकार की अनियमितता बरती है?स्टार्मर के बयान ने तो ट्यूलिप सिद्दीकी को क्लीन चिट दी है!
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री 43 साल की भतीजी लेबर पार्टी की सांसद हैं। अभी गत सप्ताह ही उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे, लंदन में उनकी संपदाओं के प्रयोग के विषय में पारदर्शिता न होने के आरोप लगे और कल उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
इन आरोपों की आंधी में सिद्दीकी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री स्टार्मर को भेजा। पत्र में उन्होंने लिखा कि ‘आप यकीन मानें, मैंने इन मामलों में हर तरह से पारदर्शिता रखी है और अफसरों के कहे अनुसार ही काम किया है। आगे भी मैं ऐसा ही करूंगी।’
इसके साथ ही ट्यूलिप ने वित्त मंत्री पद से अपने इस्तीफे की वजह यह बताई कि उनके पद पर रहने से सरकार के काम में अड़चन आ सकती है इसलिए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर मानो इस इस्तीफे के लिए तैयार बैठे थे, उन्होंने फौरन उसे स्वीकार कर लिया। इतना ही नहीं, उनके बाद लेबर पार्टी की सांसद एम्मा रेनॉल्ड्स को नई वित्त मंत्री बनाने की घोषणा भी प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी करवा दी। यानी तैयारी पहले से थी। कुछ विशेषज्ञों के भीतर सवाल घुमड़ रहा है कि क्या इस पूरे घटनाक्रम के पीछे ट्यूलिप का शेख हसीना की भतीजी होना है!
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ट्यूलिप का इस्तीफा स्वीकार करते हुए स्टार्मर द्वारा ट्यूलिप के मंत्री के नाते किसी काम में कोताही न होने की बात स्वीकारना या किसी संहिता का उल्लंघन न होने की बात कहना अनेक सवाल पैदा करता है। अगर वित्त मंत्री के नाते शेख हसीना की भतीजी ने कुछ गलते किया ही नहीं था तो उनसे इस्तीफा क्यों लिया गया?
मामले को ठंडा करने की गरज से शायद स्टार्मर ने बयान में यह भी जोड़ा है कि ट्यूलिप के विरुद्ध मंत्रिस्तरीय संहिता के उल्लंघन का अथवा किसी वित्तीय अनियमितता का कोई सुराग नहीं मिला। प्रधानमंत्री स्टार्मर ने ट्यूलिप की प्रशंसा में कहा कि उन्होंने मुश्किल फैसला लिया है। इतना ही नहीं, लेबर पार्टी आगे उनको कोई अन्य पद या जिम्मेदारी देगी, इसकी ओर संकेत करते हुए स्टार्मर ने कहा कि ट्यूलिप के लिए आगे बढ़ने के द्वार खुले रहने वाले हैं।
इधर खबर यह भी है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और शेख हसीना की कट्टर विरोधी बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया इन दिनों लंदन में हैं। वे वहां अपनी बीमारी का इलाज कराने गई हैं। शेख हसीना के कार्यकाल में वे भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में लंबी सजा काट रही थीं। बांग्लादेश में मजहबी उन्मादी जमाते इस्लामी की करीबी खालिदा की पार्टी का वहां पिछले दिनों हुए हिन्दू नरसंहार में बड़ा हाथ माना जाता है।
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